ऐसे परिवार में जमीन विवाद को लेकर सगों द्वारा खून की होली खेला जाना, लोगों को सकते में डाल दिया है
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: कहा जाता है, जहां शिक्षा है, वहां सिर्फ सरस्वती एवं लक्ष्मी की ही वास नहीं होती है, बल्कि उनमें समाज के उत्थान के लिए वह हरगुण भरे होते हैं। यह बता दें प्रखंड क्षेत्र के मोहनपुर ओपी अंतर्गत लछमिनिया गांव में एक ऐसा प्रतिष्ठित परिवार है, जहां पिछले तीन पीढियों से उनके वंशज राष्ट्रनिर्माता यानि शिक्षक ही बनते आ रहे हैं। इससे इतना तो समझा ही सकता है कि वह कितना प्रतिष्ठित परिवार है। बावजूद शनिवार को उस परिवार में जमीन विवाद को लेकर जो घटना हुई है, उसने पूरे क्षेत्र को शर्मसार कर दिया है। यहां सगों ने सगे का खून कर रिश्ते को ही कलंकित नहीं किया है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सिर्फ शिक्षक की नौकरी करने से ही राष्ट्रनिर्माता नहीं बन सकते हैं। इसके लिए सर्वगुण संपन्न होना जरूरी है। इसगांव में रामलाल सिंह स्वयं शिक्षक थे। उनकी चार संतानें जगदीश सिंह, परमानंद सिंह, हरिशंकर सिंह एवं गायत्री देवी थीं। इन्हें पढा-लिखाकर अपनी तरह ही सभी को शिक्षक बनने के काबिल बनाया। इनमें परमानंद सिंह ने भी अपने पिता की राह पर चलते हुए अपने पुत्र अजय को भी शिक्षक बनने के लिए काबिल बनाया, जो बेलौरी में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं तथा शिक्षा की लौ जला रहे हैं।
इस तरह का यह पहला परिवार है, जहां अधिकांश लोग शिक्षा से जूडे हुए हैं। परंतु इस परिवार में 27 मई की हुई शिक्षक परमानंद सिंह की उनके ही सगे शिक्षक भाई के पुत्रों द्वारा कर दिया गया है। इस घटना ने सबको ना सिर्फ सकते में डाल दिया है, बल्कि शर्मसार भी कर दिया है। लोग यह कहने लगे हैं कि अनपढ अगर कुछ करते हैं, तो वह बात समझ में आती है, परंतु इस तरह के शिक्षित परिवारों में इस तरह लोभ-लालच में पडकर हत्या होने लगे, तो निश्चित ही समाज के चिंता की बात है। कुल मिलाकर शिक्षक परमानंद सिंह की हत्या ने इस समाज को झकझोर कर रख दिया है। सभी लोगों की जुबान पर सिर्फ यही चर्चा है कि जहां सरस्वती एवं लक्ष्मी का वास है, वहां भी लोगों में लोभ-लालच का ऐसा समावेश है कि वे सगों की भी हत्या करने से नहीं चूक रहे हैं।