पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: सरकार भले ही महादलतों, पिछडों, अतिपिछडों, शोषित, पीडितों के उद्धार की बात करती हो, परंतु उसकी जमीनी हकीकत कुछ और है। स्वच्छता के लिए सबसे महत्वपूर्ण शौचायल भी समुचित रूप से उपलब्ध नहीं करा पायी है। इसके उदाहरण हर गांवों में देखे जा सकते हैं, जबकि सरकार स्वच्छता को लेकर पानी की तरह पैसा बहा रही है। इसी तरह का एक मामला प्रखंड के भिखना पंचायत के बांकी गांव में देखा जा सकता है। यहां सरकार ने महादलितों के लिए एक सामुदायिक शौचालय का निर्माण वर्षो पहले करवाया है, परंतु उसके निर्माण को देखकर स्वतः अंदाजा लगाया जा सकता है कि महादलितों तथा स्वच्छता अभियान के प्रति सरकार कितना संवेदनशील है।
यहां सरकार ने सामुदायिक शौचालय तो बनवाया, परंतु उसमें ना तो पानी के लिए मोटर लगा, ना किवाड लगी और ना ही पानी का अन्य साधन ही दिया गया। एक चापाकल लगा हुआ है, परंतु वह भी टूटा पडा हुआ है। दूसरी ओर अन्य शौचालयों में भी वर्षो बीत जाने के बाद भी किवाड नहीं लगाया गया है, जिससे महादलितों को कितनी परेशानी हो रही है, वे ही समझ रहे हैं। इसं संबंध में महादलित के लोगों ने बताया कि यह तो सदियों से उनकी नियति बनी हुई है कि कोई भी सरकार हो, उनके लिए कोई भी गंभीर नहीं है। बस वे किसी प्रकार अपनी जिंदगी इसी तरह गुजारते हुए आ रहे हैं। उन्हांने सरकार से मांग की कि वह तत्काल प्रभाव से इस षौचालय की कमी को दूर करें, ताकि उनकी भी जिंदगी में कुछ स्वच्छता आ सके। वही इस सम्बन्ध में बीडीओ परशुराम सिंह ने कहा अभीतक उस शौचालय निर्माण का पूर्ण कार्य नहीं कराया गया है, बहुत जल्द उसे पूरा कर लिया जाएगा।