पूर्णिया/रूपौली/अभय कुमार सिंह : मंगलवार को भवानीपुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं बुधवार को रूपौली में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की चुनावी सभाओं में मन लायक भीड़ का नहीं पहूंचना, प्रत्याशियों के माथे पर बल जरूर डाल गयी है । यद्यपि जिस प्रकार भीषण गर्मी एवं लू एवं फसलों की तैयारी चल रही है, अंदाजा यह भी है कि उस कारण भी भीड़ नहीं पहूंच पाई होगी।
दूसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव की कोई बडी सभा यहां आयोजित नहीं हो पाई थी, इससे उनके बारे में सही रूप से आकलन करना मुश्किल हो रहा है। यहां तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है । यहां के लोगों ने भवानीपुर एवं रूपौली में होनेवाली हर चुनावी सभा को देखा है, इतनी कम संख्या में कभी भी भीड़ को नहीं देखी गई है । यहां के लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की भी जनसभाओं को देखा है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी सभाओं को देखा है ।
पूरा मैदान खचाखच भरा हुआ दिखता था। आखिर क्या कारण है कि लोग इन सभाओं में आने से हिचकते रहे । जनता भी खुलकर कुछ भी बोलने से हिचक रही है । इनकी चुप्पी भी प्रत्याशियों की नींद खराब कर दी है । उनके कार्यकतर्ता एक-दूसरे से हमेषा टोह लेने में दिखाई पड रहे हैं, परंतु कोई संतुष्ट नहीं दिख रहा है । सभी संशय की स्थिति में दिख रहे हैं । सभी प्रत्याशियों सांसद संतोष कुशवाहा, विधायक बीमा भारती एवं निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव के चेहरे पर दिख रहा पसीना, यह साफ-साफ इंगित कर रहा है कि वे अपनी जीत के प्रति संतुष्ट नहीं लग रहे हैं ।
क्षेत्र में प्रचार का भी कुछ ऐसा नहीं दिखा कि किसी का प्रचार-प्रसार काफी तेज है, हां निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव का टेप किया हुआ संदेश मोबाइलों पर जरूर उनकी उपस्थिति सबसे ज्यादा दर्ज कराता दिखता रहा । 26 अप्रील को कुछ-कुछ जीत-हार की तस्वीर उभरेगी तथा 4 जून को तो यह स्पष्ट हो ही जाएगा कि पूर्णिया का ताज किसके सिर हुआ । इस बीच सभी के चेहरे से पसीने जरूर टपकते रहेंगे ।