पूर्णिया: प्रखंड के डहुआबाड़ी पंचायत अंतर्गत नहराकोल गांव वार्ड संख्या 8 व 9 के समीप कटाव जारी है.नदी कटाव के कारण सैकड़ो परिवारों के घरों का अस्तित्व पर खतरा है लोग परेशान हैं. इस बाबत सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कटाव स्थल पर जल्द कार्य करने की मांग की. पिछले कई दिनों से कनकई नदी के जलस्तर बढ़ने व घटने नदी कटाव तेज हो गया है. मुखिया राजेश हरिजन, समिति सदस्य नौशाद आलम, मुदस्सिर नजर, मेराज अकरम, भोजन ऋषि, मनोवर हुसैन, रहमतुल्लाह, प्रोफेसर नुरुल आजम, मास्टर हैदर, मो अल्लाम करीमी, मो नसीम , मो आरिफ, हाजी नसीम, अब्दुल खालिक, मंगला हरिजन, सुरेश मुर्मू, अफजल हुसैन, अफसेरून निशा, जुवैदा खातून, शकीला, नादेरा, सुखसरी देवी, नुरजवी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि इस बार 15 मीटर उपजाऊ जमीन नदी में विलीन हो चुका.कटाव के कारण लगभग पचास एकड़ किसानों के उपजाऊ जमीन कनकई में विलीन हो चुकी है.यद्यपि घरों पर कटाव की मंडराने वाली खतरे को देखते हुए पीड़ित परिवारों ने खेतों में अपना आशियाना बनाना शुरू कर दिया है.कई लोग ऐसे भी है जो मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं.उसके पास रहने जमीन के अलावा कुछ नहीं है. यदि यह जमीन भी कट जायगा तो यह लोग कहाँ जायंगे.ग्रामीणो ने कहा कि उपजाऊ जमीन का कनकई नदी में लगातार हो रही कटाव के भय से उन लोगो को रातभर घरों में सोए रहने की जगह जगे हुए रहना पड़ता है.
ग्रामीणो ने कहा कि कटाव रोकने को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ सांसद व विधायक से कार्रवाई की मांग किया गया.लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने के कारण उन लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के सांसद व विधायक ग्रामीणों की इस गंभीर समस्या को देखकर गए और कटाव से बचाव का आश्वासन भी दिए परंतु आज तक इस समस्या का समाधान नहीं करने से लोग परेशान है. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार शीघ्र इस समस्या का समाधान नहीं करती है तो ग्रामीण अनिश्चितकालीन आंदोलन चलाने को बाध्य हो जाएंगे. ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे समाजसेवी मुदस्सिर नजर ने कहा कि पिछले बार सांसद और विधायक से नदी कटाव को रोकने की गुहार लगा कर ग्रामीण थक चुके है. परंतु अबतक सरकारी स्तर पर कई भी सार्थक कदम नहीं उठाए जाने ग्रामीण आक्रोशित है.
वही मुखिया राजेश हरिजन ने कहा कि यहाँ कनकई नदी कई वर्षों से कटाव कर रही है. लोगों तक पचास एकड़ से अधिक जमींन कनकई नदी में समा चुका है. इस बार नदी गांव के समीप आ चुकी है.कटाव जिस तरह तेजी के साथ हो रहा है तो कुछ दिन में ही नहराकोल गांव भी कनकई नदी में समा जायेगी. अगर समय रहते विभाग यहाँ कटाव निरोधक कार्य कर देती है। तो यह गांव बच सकती है.वही मुख्यमंत्री ग्रामीण योजना योजना से बने एप्रोच रोड से तालबारी तक सड़क भी बचे शेष भाग भी कटने के कगार है. इस सड़क का 500 मीटर भाग दो साल पहले ही कनकई नदी में विलीन हो चुका है. वही इस संबंध में बाढ़ व निसरण विभाग के जेई राजीव कुमार ने बताया कि कटाव के संबंध में जानकारी नही है. जल्द ही स्थल निरीक्षण कर आगे की करवाई शुरू की जायेगी.