पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को बदलने के लिए आज से तीन नये आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। इसमें देशभर में तीन नये कानून के तहत अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम कानून के नाम से जाने जाएंगे। उक्त बातें रूपौली थाना में आयोजित आमलोगों के साथ कार्यशाला में थानाध्यक्ष मो0 अमजद अली लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नये कानून के बारे में विस्तृत एवं गहराई से जानकारी देते हुए कहा कि इस कानून के लागू हो जाने से कानूनी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी तथा दोनों पक्षों को लाभ मिलेगा। तीन नये आपरराधिक कानूनों में पहला भारतीय न्याय संहिता अधिनियम बीएनएस 2023, दूसरा भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम बीएनएसएस एवं तीसरा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 शामिल हैं। नई संहिताएं समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में स्पष्टता एवं निष्पक्षता आएगी। यह नागरिकों को सरकारी तंत्रों के किसी भी दुरूपयोग से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण भी प्रदान करती है। इसमें नये आपराधिक कानून जोडे गए हैं तथा पुरानी धाराओं को हटाया भी गया है। नये कानून के तहत 420 के बदले 316 एवं हत्या की धारा 302 के बदले 101 से जाना जाएगा।
प्राथमिकी दर्ज होने से लेकर फैसला सुनाने तक की समय सीमा निर्धारित की गई है। अब समय सीमा के अंदर प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी। न्याय के लिए अब भटकना नहीं पडेगा। अब माॅबलिंचिंग में अब इस नये कानून के तहत किसी व्यक्ति की हत्या होने पर दोषियों को फांसी या आजीवन कारावास की सजा होगी। फर्जी आईडी से सीम खरीदनेवालों को जेल होगी। पेपर लीक मामले में भी अब नया कानून अपना काम करेगा। गंभीर मामले में कोर्ट से बाहर समझौता करना आसान नहीं होगा। इमेल के द्वारा अब प्राथमिकी दर्ज की जाएगी, इसके लिए इमेल पर भेजे गए आवेदन के लिए पीडित को तीन दिन के भीतर संबंधित थाना में जाकर आवेदन पर हस्ताक्षर करना होगा। माॅब लिंचिंग करनेवाले लोगों को अब नये कानुन के तहत फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा भी अनेक तरह के प्रावधान नये कानुन के तहत नई धाराएं लागु की गई हैं। इस अवसर पर थानाध्यक्ष मो0 अमजद अली, अपर थानाध्यक्ष सुष्मिता कुमारी, एसआई उज्ज्वल कुमार सहित बडी संख्या में जनप्रतिनिधि, बुद्धिजीवि एवं आम जनता उपस्थित थे।
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