सहरसा, अजय कुमार: SAHARSA NEWS इंटरनेशनल मेंस डे के अवसर पर निन्ती कार्डियक केयर के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरिजा शंकर झा ने पुरुषों में हृदय रोगों, विशेषकर एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम एसीएस और कोरोनरी आर्टरी डिजीज सीएडी के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान जीवनशैली, जिसमें तनाव, असंतुलित आहार और शारीरिक गतिविधियों की कमी रहती है, इन रोगों के मुख्य कारण हैं। एसीएस और सीएडी के लक्षण जैसे सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई और थकावट को गंभीरता से लेना चाहिए और समय पर चिकित्सा परामर्श लेना चाहिए।
डॉ. झा ने बताया कि नियमित स्वास्थ्य जांच और संतुलित आहार से हृदय रोगों से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फाइबर युक्त आहार लें और तले-भुने भोजन से बचें। रोजाना 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि जैसे- तेज चलना या योग करना फायदेमंद है। तनाव को नियंत्रित करने के लिए ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनानी चाहिए। उन्होंने यह भी जोर दिया कि धूम्रपान और शराब से पूरी तरह बचना चाहिए, क्योंकि ये हृदय रोगों के प्रमुख कारक हैं।
डॉ. झा ने इस अवसर पर अपील की कि पुरुष अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनें। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी आदतों में बदलाव करके बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। समय पर डॉक्टर से सलाह लेकर हृदय रोगों का प्रभावी इलाज संभव है। इस इंटरनेशनल मेंस डे पर हर पुरुष को अपने स्वास्थ्य की प्राथमिकता तय करनी चाहिए ताकि वे एक स्वस्थ और सशक्त जीवन जी सकें।