पटना: Dr Prem Kumar बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद द्वारा आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने राज्य में वायु गुणवत्ता और प्रदूषण नियंत्रण की व्यापक समीक्षा की। बैठक में परिषद के अध्यक्ष डॉ. डी. के. शुक्ला और सदस्य सचिव श्री नीरज नारायण भी उपस्थित रहे। राज्य में PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म धूल कणों की मात्रा चिंताजनक पाई गई, जबकि सल्फर डाईऑक्साईड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे गैसीय प्रदूषक राष्ट्रीय मानकों से कम हैं।
नीति आयोग द्वारा अगस्त 2024 में किए गए अध्ययन में थर्मल पावर प्लांट्स से होने वाले वायु प्रदूषण पर गहन चर्चा की गई। पर्यावरण मंत्रालय ने देश के सभी ताप विद्युत संयंत्रों में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (FGD) संयंत्र लगाने का निर्देश दिया है, जिसे 2026 तक पूरा किया जाना है। डॉ. प्रेम कुमार ने राज्य में स्थित नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन के छह संयंत्रों की विस्तृत समीक्षा की और FGD संयंत्रों की स्थापना की प्रगति की जानकारी ली।
परिषद द्वारा राज्य के सभी ईंट भट्ठों को स्वच्छतर तकनीक में परिवर्तित किया गया है और केवल ऐसी तकनीक पर आधारित भट्ठों को ही स्थापना और संचालन की अनुमति दी जा रही है। डीजल वाहनों में न्यून सल्फर डीजल के उपयोग और उद्योगों को स्वच्छतर ईंधन के उपयोग के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
विभिन्न हितधारकों के सहयोग से परिषद लगातार राज्य की परिवेशीय वायु गुणवत्ता में सुधार पर काम कर रही है। मंत्री ने वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष वायु प्रदूषण में कमी दर्ज की गई है, जो सरकार के प्रयासों की सफलता को दर्शाता है।