सहरसा, अजय कुमार: SAHARSA NEWS जिला स्थित कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी ने ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है। अब इस मॉडल को पूरे बिहार में लागू किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य दुग्ध उत्पादक महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और राज्य में दुग्ध उद्योग को प्रोत्साहन देना है। इसी क्रम में, जीविका बेगूसराय के जिला परियोजना प्रबंधक- अविनाश कुमार की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम ने सहरसा के हटिया-गाछी में स्थित कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य कंपनी की संरचना, संचालन और कार्य पद्धतियों का अध्ययन कर इसे अन्य जिलों में लागू करने की संभावनाओं का आकलन करना था। कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी का पंजीकरण सितंबर 2017 में हुआ और अक्टूबर 2018 से इसका व्यवसायिक संचालन शुरू हुआ। यह कंपनी महिलाओं द्वारा संचालित है और सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिलों में अपनी सेवाएं दे रही है।
कंपनी का उद्देश्य न केवल महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना भी है।वर्तमान में कंपनी से 40,000 दुग्ध उत्पादक जीविका दीदी जुड़ी हुई हैं। यह महिलाएं न केवल दुग्ध उत्पादन करती हैं, बल्कि इसके संग्रह, प्रसंस्करण और विपणन में भी सक्रिय भूमिका निभाती हैं। कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी इस वित्तीय वर्ष में प्रतिदिन औसतन 67,171 लीटर दूध की खरीद कर रही है। यह कंपनी महिलाओं को उचित मूल्य दिलाने और उनकी आय बढ़ाने में सहायक रही है। कंपनी ने यह सुनिश्चित किया है कि दूध की गुणवत्ता उच्च स्तर की हो। बेगूसराय की टीम द्वारा किए गए दौरे के बाद, इस मॉडल को बिहार के अन्य जिलों में विस्तारित करने की योजना बनाई जा रही है। इस विस्तार से राज्य के हजारों दुग्ध उत्पादक परिवारों को लाभ होगा और उन्हें एक स्थिर आय का स्रोत मिलेगा। साथ ही, यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करेगी। कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी महिला सशक्तिकरण की एक अनूठी मिसाल है।
यह कंपनी न केवल महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही है, बल्कि उन्हें निर्णय लेने की क्षमता भी दे रही है। महिलाएं अपने पारंपरिक कौशल का उपयोग कर आधुनिक तकनीकों के साथ अपने व्यवसाय को बढ़ावा दे रही हैं। इस मॉडल की सफलता में जीविका और राज्य सरकार का महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य सरकार की मदद से कंपनी को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्राप्त हुई है। इस पहल से यह साफ है कि सरकार ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी का विस्तार बिहार के दुग्ध उद्योग के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। यह न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगा,बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करेगा।