PURNIA NEWS अभय कुमार सिंह : प्रखंड का एक ऐसा पंचायत, जिसे आजतक मुख्यालय जाने के लिए एक पक्की सडक तक नहीं बन पायी है । लोग आज भी कच्ची सडकों से ही मुख्यालय जाते हैं, जो सरकार के विकास के सभी दावों की पोल खोलता है । नदी-नालों से घिरा कोयली सिमडा पूरब पंचायत में दो गांव कोशकीपुर एवं सिमडा हैं, जिसकी आवादी लगभग बीस हजार है तथा यह पंचायत कटिहार एवं भागलपुर जिलों का सीमावर्ती पंचायत भी है । इस पंचायत से दो सडकें कटिहार जिला की सीमा होकर मुख्यालय की ओर ले जाती हैं, जबकि दो सडकें अभी भी कच्ची हैं । सिमडा से मुख्यालय जाने में सिमडा घाट पर पुल एवं पक्की सडक नहीं होने के कारण लोग आज भी कच्ची सडक से ही जाते हैं । ठीक इसी तरह कटिहार जिला की ओर से जाने के लिए भी कच्ची सडक ही पकडनी पडती है । बाढ हो या सूखा, यहां के लोगों की परेशानी कभी कम नहीं होती है । धूल उडाती सडकें इनकी बेबसी को और तीखा कर देती है। मौके पर मुखिया पवित्री देवी, पूर्व मुखिया विवेकानंद सिंह, सरपंच उषा देवी, कुंदन बिहारी, सिंटू कुमार, गुलशन कुमार आदि ने बताया कि वेलोग सदियों सडक की समस्या से जूझ रहे हैं ।
सिमडा घाट पर पुल बनने लगा, तब लगा था कि अब राहत मिलेगी, परंतु वह भी ठप्प पडा हुआ है, जबकि कटिहार जिला के मिलकी होकर या फिर बल्थीमहेशपुर होकर गुजरनेवाली सडक कच्ची है, जहां से बाइक या पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है । दूर्भाग्य है कि आजतक कोई भी सांसद-विधायक नहीं मिले, जो उनका उद्धार कर सकें तथा इस पंचायत को पक्की सडक से मुख्यालय को जोड सके । बाढ के दिनों में तो वे कैदी की तरह जीने को मजबूर हो जाते हैं । उन्होंने विधायक शंकर सिंह से मांग की कि वह तत्काल प्रभाव से यहां की कच्ची सडकों को पक्कीकरण की दिशा में पहल करें तथा सिमडा घाट पर बन रहे पुल को आनेवाले बरसात से पहले तैयार करवाएं । कुल मिलाकर इस पंचायत के लोग आज भी अविकसित हैं । देखें सरकार इसओर कबतक ध्यान देती है ।