पूर्णिया: Fake Bonded Labour Case आज बिहार शोषण का अड्डा बन गया है, हमारे बिहार कि गरीबी कुछ NGO के धन कमाने का जरिया बन चूका है, वैसे तो ये कहानी देश के सभी राज्यों कि है लेकिन हम बात करेंगे हमारे बिहार के शहर पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया कटिहार और अररिया जो कि सीमांचल का क्षेत्र है, ऐसा ही मामला सामने आया है पूर्णिया प्रमंडल के इन क्षेत्रों से जहाँ पर कि कुछ NGO ने कई वर्षों से महा दलित समुदाय के बीच जाकर उन्हें सरकारी लाभ दिलाने तथा उनके द्वारा आर्थिक मदद का झांसा देकर गलत तरीके से बंधुआ मजदूरी का मामला बनाकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजते हैं l बता दे कि पिछले कई वर्षों से हिन्दुस्थान समाचार और अंग इंडिया न्यूज़ टीम फर्जी बंधुआ मजदूरी मामले में की जांच कर रहे हैं और इससे आधारित कुछ न्यूज़ प्रकाशित किया जा चुका है, इस मामले में आगे बताना चाहते हैं, अब इस मामले से जुड़े लोग अब धमकी देने के लिए उतारू हो गए। फर्जी बंधुआ मजदूरी ऐसे कई मामलों में एनजीओ द्वारा बिहार के महादलित कम्युनिटी के लोग ठगी का शिकार होते हुए जा रहे हैं, ऐसे कितने मामलों एनजीओ द्वारा बनाकर एनएचआरसी को भेजी गई उसके बाद प्रशासन के पास भेजा गया पर यह सब मामले अब तक गलत पाए गए हैं l
Fake Bonded Labour Case: ऐसा ही एक मामला निपानिया गांव में मिला था जो जस्टिस वेंचर इंटरनेशनल की देखरेख में ट्रिनिटी इंडिया ट्रस्ट द्वारा अक्टूबर 2024 को NHRC में दायर किया गया था। यह लोग पहले वहां जाकर के महादलित कम्युनिटी के भोले भले लोगो को अपनी मीठी बातो में काबू कर लेते है और उन्हें ये कह कर बरगलाते है की हमारा संस्था आपको हर तरह का मदद करेगा , आपके बच्चो की शिक्षा, आपके घर , जमीन , स्वास्थ , इत्यादि की मदद करेंगे , बस आप हमें अपने निजी कागजात जैसे की; आधार कार्ड , पेन कार्ड, बैंक खाता, वोटर कार्ड, आदि और हर एक व्यक्ति का सादे कागज पर अंगूठे का निशान लिया गया l उसके बाद प्रत्येक व्यक्ति का सिंगल फ़ोटो और ग्रुप फ़ोटो और कुछ लोगो का विडियो बनाकर के लेकर गए l और उन लोगो के दिमाग में ये भर दिया गया की जब भी प्रशासन के लोग तुम्हारे पास आए तो उन्हें जबरन मजदूरी कराने का, कर्जा के एवज में मजदूरी कराने का और जमींदार द्वारा मारपीट तथा शोषण की झूठी बाते बताना है | इस मामले को लेकर के जब प्रशासन भी आठ 8 जनवरी 2025 को NHRC के भेजे गए नोटिस पर गई तो वहां के लोगो ने उनकी दी ये सारी बाते गलत पाई गई l
Fake Bonded Labour Case: आयोग द्वारा संज्ञान लेने के बाद NGO वाले महा दलित समुदाय के लोगों को बंधुआ मजदूर पीड़ित बताकर हर परिवार के पुनर्वास के नाम से फण्ड जुटाने के लिए दिल्ली स्थित ऑफिस से अमेरिका और अन्य देशों में रिपोर्ट भेजा जाता है और पीड़ितों के पुनर्वास के नाम से लाखों रुपये कि धन राशी डॉलर में जुटाई जाती है l उन राशिओं को उपयोग ये NGO वाले उन लोगों कि मदद करने के बजाय अपने निजी कार्यों को पूरा करने के लिए करते हैं और पीड़ित को भगवान भरोसे छोड़कर फिर किसी अगले क्षेत्र को टारगेट बनाने के लिए निकल जाते है lइस मामले में कुछ समाचार प्रकाशित की गई थी l इस सन्दर्भ में ट्रिनिटी इंडिया ट्रस्ट के डायरेक्टर से संज्ञान लिया तो उन्होंने व्हात्सप्प पर लम्बा चौड़ा औपचारिक धमकी दे डाली l और उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप ना करे अन्यथा गंभीर परिणाम के लिए तैयार रहे l