दिल्ली: अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पहले ही सियासत तेज है। इस बीच एनसीपी शरद पवार गुट के विधायक और पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने एक नए विवाद की शुरूआत कर दी है। अब अगर बात शुरू हुई है तो, निःसंदेश दूर तलक जाएगी। शिरडी में पार्टी के शिविर में एनसीपी नेता जितेंद्र आह्वाड ने भगवान श्रीराम पर बयान दिया। इसी दौरान उन्हें भगवान राम के खाने को लेकर ऐसा बात कह डाली, जिसपर बीजेपी ने नाराजगी जाहिर की है। महाराष्ट्र के शिरडी में बुधवार को एक कार्यक्रम में आव्हाड ने कहा कि ‘राम हमारे हैं, बहुजन के हैं।आव्हाड ने आगे कहा कि भगवान राम शाकाहारी नहीं थे, वह मांसाहारी थे। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति 14 साल तक जंगल में रहेगा वो शाकाहारी भोजन खोजने कहां जाएगा? उन्होंने जनता से सवाल करते हुए कहा कि क्या यह सही बात है या नहीं?
उन्होंने कहा, ‘कोई कुछ भी कहे, सच्चाई यह है कि हमें आजादी गांधी और नेहरू की वजह से ही मिली। यह तथ्य कि इतने बड़े स्वतंत्रता आंदोलन के नेता गांधी जी ओबीसी थे, उन्हें (आरएसएस को) स्वीकार्य नहीं है।’ उन्होंने आगे कहा कि गांधीजी की हत्या के पीछे का असली कारण जातिवाद था। जितेंद्र आव्हाड के इस बयान पर अब जमकर बवाल हो रहा है। उनके इस बयान को लेकर देशव्यापी विरोध हो रहा है। बीजेपी और हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया। इसके अलावा अजित पवार गुट वाली एनसीपी ने जितेंद्र के इस बयान को लेकर मुंबई में विरोध प्रदर्शन भी किया। जितेंद्र आह्वाड के बयान की एनसीपी अजित पवार गुट ने भी निंदा की है. एनसीपी अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि जितेंद्र आह्वाड के पास लगता है कि डॉक्टरेट की डिग्री है, आह्वाड ही इस दुनिया में सबसे बड़े ज्ञानी हैं उनके जितना ज्ञान किसी को नहीं इसलिए इस तरह के बयान सिर्फ वही दे सकते हैं.