पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: रूपौली में चौमुखी विकास को लेकर सांसद से विधायक तक अपना राग अलावते रहे हैं, परंतु आजभी लोग एक अदद पुलिया के लिए तरह रहे हैं तथा बरसात में लगभग एक हजार की आवादी कैद-सी जिंदगी जीने को मजबूर हो जाती है। ऐसा ही गांव टीकापट्टी थानाक्षेत्र के बघवाबासा है। इस गांव में लगभग 1000 की आवादी निवास करती है। आजादी से लेकर अबतक जब-जब चुनाव हुए, तब-तब सांसद-विधायक ने यहां पुल बनाने का वादा किया, परंतु सब आजतक भूलते नजर आए। सबसे ज्यादा परेशानी यहां के स्कूली बच्चों एवं किसानों को होती है। वे मानो घरों में खासकर बरसात के दिनों में कैदी की जिंदगी बिता रहे हों। इस गांव में एक प्राथमिक विद्यालय भी है, जहां पहूंचने के लिए शिक्षकों को काफी मशक्कत करनी पडती रही है।
प्राथमिक शिक्षा के बाद बच्चों की पढाई बरसात के दिनों में बंद-सी हो जाती है। नाव से आर-पार होना अपनी जिंदगी दांव पर लगाने जैसा हो जाता है, क्योंकि यहां नाव दुर्घटनाएं कई बार हो चूकीं हैं तथा लोग अपनी जान गंवा चूके हैं। किसानों के साथ-साथ यह परेशानी सिर्फ इसी गांव के लोगों के लिए नहीं है, बल्कि बघवा मुख्य गांव के लोगों की भी जमीन उसपार है, जिसे वे बरसात में जोत-आवाद नहीं कर पाते हैं। गांव के गोविंद सिंह बताते हैं कि अब तो सांसद-विधायक से लोग पुल की मांग करना छोड दिये हैं, क्योंकि वादा तो सभी करते हैं, परंतु निभाते कभी नहीं देखा गया, इसलिए अब लोग भगवान भरोसे हैं कि कोई तो भगीरथ आएंगे, जो इस गांव का उद्धार करेंगे। कुल मिलाकर इस गांव के लोग सदियों से एक पुलिया के लिए तडप रहे हैं, देखें उनका कौन भगीरथ बनता है।