सिवान: विगत शनिवार से सिवान सहित राज्य के 24 जिलों में सर्वजन दवा सेवन यानी एमडीए अभियान की शुरुआत हुयी है। हालांकि पहले ही दिन विभिन्न क्षेत्रों से बच्चों में उल्टी, दस्त, सिरदर्द- चक्कर जैसे दुष्प्रभाव देखने को मिला था। लेकिन उससे घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि दवा सेवन के बाद अगर किसी को उल्टी या आए चक्कर तो फाइलेरिया परजीवी के मरने का एक शुभ संकेत है। उक्त बातें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव राजीव मांझी ने सिवान समाहरणालय के सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान कही।
एमडीए अभियान एवं फाइलेरिया उन्मूलन की समीक्षा खुद करेंगे जिलाधिकारी
संयुक्त सचिव राजीव मांझी ने कहा कि जिले में चल रहे सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान एवं फाइलेरिया उन्मूलन से जुड़े सभी तरह की समीक्षा जिलाधिकारी खुद करेंगे। यह कार्यक्रम के क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने में सहयोग करेगा। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 6121 फाइलेरिया के मरीज हैं जिसमें हाथीपांव के 5365 एवं हाइड्रोसील के 756 मरीज हैं। उन्होंने कहा कि एमडीए का बेहतर कवरेज से ही वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन संभव हो सकेगा। इस दौरान उन्होंने जिले में कालाजर रोग की वर्तमान स्थिति एवं जिले को कालाजर से मुक्त रखने की रणनीति पर भी चर्चा की।
संयुक्त सचिव ने गोरियाकोठी प्रखंड के तीन गांव सहित सीएचसी का किया दौरा:
समाहरणालय सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के बाद गोरेयाकोठी प्रखंड के आज्ञा गांव स्थित स्कूल जाकर बच्चे, अभिभावक, आशा कार्यकर्ता सहित फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क से मिलकर संयुक्त सचिव ने फाइलेरिया रोधी दवा खाने के फायदे और खाली पेट दवा खाने के दुष्प्रभाव को लेकर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उसके बाद सिसई गांव के कालाजार बीमारी से ठीक हुए नेटवर्क सदस्य के घर जाकर उससे मिले। जबकि मुस्तफाबाद गांव स्थित स्कूल में जाकर शिक्षक और बच्चो के साथ बातचीत कर उन्हें फाइलेरियारोधी दवााओं की गुणवत्ता एवं प्रभाव के मामले में जानकारी दी। अंत में संयुक्त सचिव ने गोरियाकोठी सीएचसी में दो कालाजर मरीज से मिलकर उनका हाल जाना।साथ ही इस दौरान उन्होंने कालाजर एवं कुष्ठ की दवाओं की उपलब्धता का जायजा भी लिया।
जिले को फाइलेरिया एवं कालजार से मुक्त करने के प्रयास जारी:
जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने कहा कि नियमित रूप से कालाजर रोग की समीक्षा की जा रही है। वहीं, फाइलेरिया एवं एमडीए की समीक्षा जनवरी माह में हुयी है। जिले के गोरेयाकोठी प्रखंड सहित सभी प्रखंडों से कालाजार नियंत्रण कर लिया गया है। लेकिन आगे भी स्थिर रखने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वह ख़ुद दवा सेवन कर लोगों में दवा की गुणवत्ता एवं इसकी जरूरत का संदेश भी दिया है। साथ ही एमडीए के बेहतर कवरेज के लिए जरुरी दिशा-निर्देश भी दे रहे हैं। इस अवसर पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मनीराज रंजन, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के कार्यकारी निदेशक अखिला शिवदास, डब्ल्यूएचओ के डॉ राजेश पाण्डेय, पीरामल स्वास्थ्य के विकास सिन्हा, पीसीआई के रणपाल सिंह सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।