पूर्णिया : बिहार – भारतीय रिजर्व बैंक, पटना द्वारा 07 और 08 मार्च को पूर्णिया जिले में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के वित्तपोषण हेतु बैंकर्स की क्षमता निर्माण के लिए NAMCAB S3.0 के तहत 33वीं दो-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में 15 अलग-अलग बैंकों से कुल 46 बैंक अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें बिहार में Centralized Processing Centres (CPCs)/ MSME hubs/ एमएसएमई वित्तपोषण से संबंधित वाणिज्यिक बैंकों में कार्यरत बैंक अधिकारी शामिल थे।
कार्यशाला का उद्घाटन 07 मार्च को भारतीय रिजर्व बैंक, पटना के क्षेत्रीय निदेशक, श्री सुजीत कुमार अरविंद द्वारा किया गया। उद्घाटन समारोह में, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष; भारतीय स्टेट बैंक के उप महाप्रबंधक; नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक के अलावा पूर्णिया जिले के अग्रणी जिला प्रबन्धक भी उपस्थित रहे।अपने भाषण में क्षेत्रीय निदेशक महोदय ने भारतीय अर्थव्यवस्था में एम.एस.एम.ई. सेक्टर के महत्त्व को बताते हुये एम.एस.एम.ई. के समुचित विकास के लिए सही समय पर पर्याप्त ऋण की उपलब्धता एवं बैंको की मजबूत प्रक्रियाओं और सूक्ष्म पदाधिकारियों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
उन्होने NAMCABS 3.0 की उपयोगिता पर प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित कराते हुये बैंकरों को MSME क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए अधिकतम प्रयासरत होने को कहा। आगे, उन्होने बताया कि वि. स.वि.वि., पटना ने बिहार के विभिन्न जिलों में एम.एस.एम.ई. विभाग से जुड़े बैंकरो की क्षमता निर्माण के लिए NAMCABS के तहत अब तक 32 कार्यशालाए आयोजित की जा चुकी हैं। जिनमें से, नालंदा, भागलपुर, बेगूसराय, गया, औरंगाबाद, अररिया, राजगीर, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, रोहतास, जमुई आदि जिलों में आयोजित किए गए कार्यशालाओं में लगभग 1200 से अधिक बैंक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। उन्होने सभी प्रतिभागियों से इस प्रशिक्षण सत्रों का पूरे तौर से लाभ उठाने और अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया प्रदान करने का भी अनुरोध किया।
इस दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक तथा वाणिज्यिक बैंक के अधिकारियों ने COVID– 19 के दौरान एम. एस. एम.ई. क्षेत्र के लिए उठाए गये विशेष कदम, भारतीय रिजर्व बैंक, पटना द्वारा की गयी प्रयास, एम. एस. एम. ई. वित्तपोषण में उद्यमशीलता की जरूरतों को समझना – एम.एस.एम.ई. ग्राहकों के साथ प्रभावी संचार, क्रेडिट स्कोरिंग और रेटिंग मॉडेल आदि विषय पर सत्रों का संचलान किया। कार्यशाला में विभिन्न सत्रों के माध्यम से आल्टरनेटिव टेक ड्रिवेन अपरोच (पार्नरिंग ई-कॉमर्स, फिनटेक, P2P लेंडिंग और TReDS), एम.एस.एम.ई. ग्राहको के लिए वित्तीय साक्षारता आदि विषयों पर भी चर्चा की गई।