पटना: जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि लाखों रुपए का वोट आपने जाति के नाम पर, 5 किलो अनाज के नाम पर दे दिया, तो आप गरीब नहीं रहिएगा तो कौन गरीब रहेगा? बिहार में लोगों को सुधरना ही नहीं है। 5 वर्ष बैठकर लोग रोते हैं कि खाने को नहीं है, पढ़ाई नहीं, रोजगार नहीं, नाली नहीं, गली नहीं लेकिन कल अगर वोट होगा तो आप इन सारी बातों को भुला देंगे। वोट के समय बिहार के लोगों को 2 ही चीजें चाहिए।
बात करने के लिए जात और खाने के लिए भात। नेताओं ने आपको 25-30 वर्षों से जाति की माला पकड़ा दी है। इसी में सभी लोगों को बांट दिया है। वहीं कुछ नेताओं ने अनाज बांट दिया है। जबतक जात-भात पर वोट देते रहिएगा, तबतक आपके बच्चों का भला नहीं होगा। यही बात बताने के लिए मैं गांव-गांव घूम रहा हूं।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार के लोग सुधरेंगे नहीं। चाहे 17 साल चल लें, आपको एक रास्ता बता रहे हैं। वोट चाहे जिसे देना है दो, अपनी जाति के नेता को ही दो लेकिन अगली बार वोट देते समय स्वार्थी बनिए। अपना स्वार्थ देखिए, अपने बच्चों का स्वार्थ देखिए।
चुनाव के समय नेता आएंगे और कहेंगे देश के लिए वोट दो, समाज को जिताना है वोट दो, मंदिर बना दिए इसलिए वोट दो, लालू को हराना है इसलिए वोट दो, हम आपको एक मंत्र सिखा रहे हैं। वोट जिसे देना है दो, लेकिन जीवन में एक बार वोट अपने बच्चों के लिए दो। नेताओं के लिए नहीं, देश के लिए नहीं, जाति के नाम पर नहीं, अपने बच्चों के लिए वोट दो तभी जीवन सुधरेगा।