पूर्णिया/रुपौली : स्नातक ग्रेड के शिक्षक अब शिक्षण कार्य के पांच साल पूरे होने पर प्रधानाध्यापक के पद के लिए योग्य होंगे । ऐसा आदेशहाईकाॅर्ट ने अपने सीडब्ल्यूजेसी नंबर 6952/2022 दिनांक 7.03.2024 के आलोक में दिया गया है । फैसला 13 मार्च को स्नातक ग्रेड के शिक्षकों के पक्ष में आया है।
उक्त बातें टीईटी शिक्षक के संघ के प्रखंड अध्यक्ष नीतेश कुमार ने देते हुए कही । उन्होंने कहा कि अब स्नातक ग्रेड के टीईटी षिक्षक अपने पांच साल के कार्यकाल को पूरा करने के बाद वे प्रधानाध्यापक पद के लिए योग्य होंगे । उन्होंने कहा कि बिहार षिक्षक नियमावली 212 एवं संशोधित 2020 के अनुसार पांच वर्ष अपनी सेवा पूर्ण करने पर सीधे प्रधानाध्यापक पद में प्रोन्नति का प्रावधान था, परंतु लगातार दस वर्षों तक सेवा के बाद भी सरकार द्वारा ऐसे षिक्षकों को प्रोन्नति से वंचित रखा गया था।
जिसके कारण प्रखंड अंतर्गत स्नातक ग्रेड के दर्जनों शिक्षक वरीय होते हुए भी कनीय बने रहे । यद्यपि इसके लिए संघ लगातार अपनी लडाई लडता रहा तथा संघ के संघर्ष की बदौलत कुछ विद्यालयों में स्नातक शिक्षकों को वाजिब हक प्राप्त हुआ था।
सरकार के रवैये से परेशान वर्ष 2020 में पटना उच्च न्यायालय में स्नातक ग्रेड प्रशिक्षित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पिंटू कुमार सिंह ने अपनी लडाई को हाईकाॅर्ट ले गए तथा वहां याचिका दायर किया । जिसकी अंतिम सुनवाई 13 मार्च को की गई तथा हाईकाॅर्ट ने अपना फैसला स्नातक शिक्षकों के हक में दिया ।
इस फैसले से अकेले प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों स्नातक शिक्षकों को उनका अधिकार मिल जाएगा तथा वे प्रधानाध्यापक के पद के लिए योग्य हो जाएंगे । इसके लिए वे प्रदेश अध्यक्ष पिंटू कुमार सिंह को बधाई देते हैं तथा आशा करते हैं कि इसी प्रकार शिक्षक संघ अपने हक की लड़ाई लड़ता रहेगा ।