पूर्णिया : रविवार 28 अप्रेल को पूर्णिया के किलकारी, बिहार बाल भवन में बच्चों के बौद्धिक विकास और उनके अंदर की छुपी काल प्रतिभा को नया आयाम देने के लिए, गर्मी की छुट्टियों का सदुपयोग करने के उद्देश्य से ‘चक धूम धूम’ 2024 समर कैम्प की शुरुआत की गई, 28 अप्रैल से 15 मई 2024 तक चलने वाले इस समर कैंप का उद्घाटन पूर्णिया के जिला पदाधिकारी, शिवनाथ रजक एवं क्षेत्र शिक्षा उपनिदेश, शाहिद परवेज ने एक नई परंपरा के साथ किया ।
अन्य अतिथियों में विशिष्ठ अतिथि के रूप में डिप्टी कलेक्टर आलोक कुमार ने क्रिकेट की तो वहीं बाल विकास परियोजना के अधिकारी सुमित प्रकाश एवं ग्रीन पूर्णिया से रविंद्र शाह ने भी बच्चों के संवर्धन के लिए कार्यक्रम मैं शिरकत किया। खास बात यह रही कि उद्घाटन सत्र में औरदीप प्रज्ज्वलन और फीता काटने की परंपरा से हटकर प्रतिकात्मक रुप से मंच फर रखे एक प्रतिमा को चक्षु दान कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया, जो अपने आप में अत्यंत अनुठा रहा ।
मानने वाले ऐसा मानते हैं, ऐसा करके किलकारी परिवार ने यह संदेश दिया है कि, खुली आंखों से पूरी दुनिया को देखिए तभी आपकी चेतना का विकास होगा और इस समर कैंप की परिकल्पना भी लगभग इसी सोच के साथ की गई है । रविवार से आयोजित हो रहेकिलकारी के इस समर के उद्घाटन सत्र में किलकारी के बच्चों के विशेष रूप से द्वारा हस्तकला व चित्रकला प्रदर्शनी लगाई गई, इसका अवलोकन मुख्यातिथि ने सर्वप्रथम किया । उसके उपरांत उद्घाटन मंच पर मुख्य अतिथियों का स्वागत किया गया।
तत्पश्चात किलकारी के छात्रों के द्वारा अतिथियों के सम्मान में स्वागत गान प्रस्तुत किए गए और किलकारी परिवार की ओर से मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को उपहार अर्पण किया गया, जिसमें एक हरयिली का प्रतीक एक पौधा, पेंटिंग और किलकारी के द्वारा बनाए गए ब्रोशर शामिल प्रदान किए गए । मौके पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी बच्चों ने अपनी अपनी कला प्रतिभा से छटा बिखेरा, इसमें छोटे बच्चों के द्वारा नृत्य की प्रस्तुति हुई जो सभी के मन को खुब भाई, फिर फन गेम मे भी बच्चों ने हिस्सा लिया ।
इस अवसर पर खाश तौर पर आयोजित फैशन शो में किलकारी के छात्र-छात्राओं ने भारतीय परंपरा के अनुकूल, विभिन्न क्षेत्रों की वेशभूषा आधारित कैटवॉक से चार चांद लगा दिया और एक ही जगह पर पूरे देश की परंपरा को प्रस्तुत करते हुए यह संदेश दिया कि भारत आज भी अपनी समृद्धि, संस्कृति और परंपरा के प्रति सचेष्ट है। किलकारी के बच्चों ने आत्मरक्षा आधारित प्रशिक्षण ताइक्वांडो में प्राप्त प्रशिक्षण के अनुकूल ताइक्वांडो का भी मंचीय दर्शन कर उपस्थित सभी जनों को चकिथ कर दिया । अतिथियों का स्वागत किलकारी, बिहिर बाल भवन, पूर्णिया के प्रमंडल समन्वयक रवि भूषण कुमार ने किया।
उन्होंने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि मैं श्रीमान जिला पदाधिकारी महोदय एवं श्रीमान क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक महोदय के प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूं कि, आप श्रीमान अपने बहुमूल्य समय से थोड़ा समय निकाते हुए किलकारी बिहार बाल भवन, पूर्णिया के इस समर केम्प में हमारे इन बच्चों के उत्साह वर्धन के लिए पधारे हैं । साथ ही मुझे यह भी विश्वास है कि,अगर यूं ही हमपर इन बच्चो के साथ इनके अभिवावकों का भी सहयोघ और विश्वास भविष्य कायम रहा तो,हम और भी आगे.बढकर इन बच्चों की प्रगति के लिए कदम सढा पाएंगे और किलकारी से जुड़े सभी बच्चों को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाते हुए अपनी संस्कृति अपनी परंपरा से जुड़े रखने में सफल रहेंगे ।
भविष्य में हम इन बच्चों को एक नई दिशा देकर इन्हें गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के साथ न केवल अपनी संस्कृति और परंपरा से जुड़े रखेंगेऔर आत्मनिर्भर बनाने में भी सफल हो पाएंगे । वहीं मौजूद मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि यह बच्चे निरंतर प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं, न केवल पूर्णिया में बल्कि अपनी प्रतिभा से राष्ट्रीय फलक पर भी यह चर्चा बटोर रहे हैं। यह बड़ी खुशी की बात है कि पूर्णिया में किलकारी बाल भवन जिस रूप में कार्य कर रहा है, उसे अंतिम पंक्ति के बच्चों को काफी फायदा हुआ है और मैं उम्मीद करता हूं कि भविष्य में भी यह बच्चे गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के साथ अपनी अपनी विद्या में आगे बढ़ेंगे ।
मैं इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं । वही कार्यक्रम की खास बात यह भी रही कि, इस अवसर पर एक बच्चा बैंड का भी इनॉग्रेशन किया गया, जो किलकारी बिहार बलवान पूर्णिया के द्वारा सर्वप्रथम इंट्रोड्यूस किया गया है और यह बच्चा बैंड एक कला विद्या के रूप में इन बच्चों के बीच सिलेबस में शामिल रहेगी, इसके लिए एक से बढ़कर एक प्रशिक्षक इन्हें तैयार करेंगे ।
इस पूरे समर कैंप में यूं तो कई कला विद्या और पारंपरिक खेल से जुड़े प्रशिक्षण छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए दिए जाएंगे लेकिन सबसे अहम प्रशिक्षण के रूप में ब्लैक पॉटरी का निर्माण किस तकनीक से किया जाता है,यह इन्हें विशेष रुप से सिखाया जाएगा । ज्ञात हो कि,इन दोनों ब्लैक पॉटरी की डिमांड हर जगह बनी हुई है विशेष तौर पर भारत देश की नई संसद भवन में भी ब्लैक पॉटरी को अहमयत दी जा रही है।
यह एक प्राचीन कला विधा है, जिसमें मिट्टी कला के माध्यम से कलाकृति का निर्माण किया जाता है और यह अद्भुत और आकर्षक कलाकृति के रूप में जानी जाती है । साथ ही उद्घाटन के बाद मंच पर मुखःय अतिथि के द्वरा हाल के उपल्ब्धियों के लिए विजीत बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया ।कार्यक्रम को सफल बनाने मे किलकारी , बिहार बाल भवन, पूर्णिया के सभी अधिकारी, प्रशिक्षक व कर्मी जूटे रहे।
समर केम्प में होनेवाली प्रमुख गतिविधियां
इसके अलावा इस चक धूम धूम समर केम्प 2024 में छात्र-छात्राओं को बौद्धिक मानसिक विकास के साथ-साथ आत्मनिर्भरता प्रदान करने वाली विभिन्न कला विधाओं व पारंपरिक खेल संबंधित प्रशिक्षण व गतिविधियों में विशेष रूप से मूर्तिकला के तहत ब्लैक पॉटरीर का निर्माण करने के लिए बच्चों का प्रशिक्षित किया जाएगा तो, वही लोक संगीत में क्षेत्रीय बोली अंगिका और ट्रैक म्यूजिक के बारे में जानकारी दी जाएगी। लोक नृत्य ,कंटेम्पररी, कर्मा नृत्य, क्रिएटिव डाँस तथा चक्षुस कला में मंजूषा कला और फाइन आर्ट का विधिवत प्रशिक्षण दिया जाएगा ।
इस तरह के प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य है भविष्य में यहां से निकलेवाले बच्चे हर तरह.से अपनी योग्यता को सिद्ध कर सके।समर केम्प मे विज्ञान से जुड़े प्रशिक्षण में इनोवेशन और फन प्रोजेक्ट के आईडिया पर काम किया जाएगा, जबकि खेल विधा में प्रमुख रूप से ताइक्वांडो व एथलेटिक्स का प्रशिक्षण दिया इन बच्चों को प्राप्त होगा। नाट्य कला विधा के तहत प्रस्तुति पूरक अभिनय, रूप सज्जा व कला सज्जा से जुड़े तकनिक को समझने का अवसर भी बच्चों को मिलेगा । आत्म रक्षि के लिए थांगटा के तकनीकी दाव पेंच भी बच्चे जानेंगे ताकि यह स्वयं की रक्षा के साथ साथ समाजिक सुरक्षा के लिए तैयार हो सके ।
फोटोग्राफी के तहत लाइव फोटोग्राफी और वेस्टर्न म्यूजिक के तहत गिटार, सिंथेसाइजर तथा ड्रम के वादन कला की गुणवत्ता से भी छात्र-छात्राओं को परिचित करवाया जाएगा । शास्त्रीय संगीत के तहत आरंभिक प्रशिक्षण के रूप में सरगम का प्रशिक्षण सभी छात्रों को दिया जाएगा। हस्तकला से जुड़े प्रतिभागियों को बम्बू आर्ट और खेल खिलौने से जुड़े निर्माण तकनीक को भी सिखेंग और स्वयं को विकसित समाज की.मुख्यधारा के मजबूती प
रदान कर पाएंगे ।