पटना : जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के सुशासन बाबू वाली इमेज पर तंज कसते हुए कहा कि हमको तो कोई नहीं मिला, जो नीतीश कुमार को सुशासन बाबू कह रहा है। पहले किसी जमाने में 2005 से 2012 का एक दौर था, जब लोगों को, बिहार की जनता को ये लगा था कि बिहार में कुछ सुधार हो रहा है।
लोगों को इसलिए वो महसूस हुआ था, क्योंकि बिहार की जनता ने 15 सालों तक लालू यादव का जंगलराज देखा था। एक कहावत है न कि जब बहुत अंधेरा होता है, तो उसमें एक छोटा सा दीपक भी जलेगा तो उसका प्रकाश थोड़ा ज्यादा दिखता है। कुछ प्रयास नीतीश कुमार ने शुरुआती दिनों में किया भी था, लेकिन 2014 के बाद के जो नीतीश कुमार हैं उनको कोई भी सुशासन बाबू नहीं कहता है।
वो खुद ही अपने आपको कहते हैं जनता उनको सुशासन बाबू नहीं कह रही है। किसी भी गांव, देहात में मुझे कोई नहीं मिला जो नीतीश कुमार को सुशासन बाबू कह रहा हो या जो राज्य वो चला रहे हैं उसमें सुशासन है। लोग तो ये कहते हैं कि लालू यादव के राज में अपराधियों का जंगलराज था और नीतीश कुमार के राज में अधिकारियों का जंगलराज है।