नई दिल्ली: राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा है कि राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 को रद्द करना उचित नहीं होगा, क्योंकि यह होनहार छात्रों के साथ अन्याय होगा। NTA ने अपने हलफनामे में कहा कि पेपर लीक की सूचना मिलते ही सभी आवश्यक कदम उठाए गए थे। एजेंसी ने यह भी बताया कि कई राज्यों में नीट पेपर लीक की शिकायतें आई हैं, जिसके कारण सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। इस साल 5 मई को 4,750 केंद्रों पर नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 24 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे, जिसके कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया। सीबीआई ने इस मामले में छह प्राथमिकी दर्ज की है। बिहार में दर्ज प्राथमिकी पेपर लीक से संबंधित है, जबकि गुजरात और राजस्थान में दर्ज प्राथमिकियां परीक्षार्थी के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति के परीक्षा देने और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।
जांच में प्रगति दिखाते हुए, सीबीआई ने 3 जुलाई को नीट यूजी पेपर लीक मामले में कथित सह-साजिशकर्ता अमन सिंह को झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार किया है। इससे पहले, एजेंसी ने हजारीबाग में ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य और दो अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई होगी, जहां पिछली परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और उच्चस्तरीय जांच की मांग वाली याचिकाओं पर विचार किया जाएगा। NTA, जो सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी का आयोजन करती है, ने कहा कि वे पेपर लीक करने वाले संगठित गिरोह और उसके सरगना की तलाश में हैं। यह मामला देश भर में चिकित्सा शिक्षा में प्रवेश को लेकर चल रही बहस को रेखांकित करता है, जिसमें परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है। NTA का यह कदम इस चुनौती से निपटने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के प्रयास को दर्शाता है।