पूर्णिया: PURNIA NEWS बिहार के अमौर प्रखंड में लगातार हो रही बारिश और कोसी बैराज से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। लगभग छह सौ घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है, जिससे स्थानीय निवासी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कई लोग अपने घर छोड़कर सड़कों और पुलों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। कनकई, महानंदा, परमान और दास नदियां भी उफान पर हैं, जिससे कई गांवों में पानी घुस गया है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सड़कों पर भी बाढ़ का पानी बह रहा है। सीमलबाड़ी में सैकड़ों परिवार अपने घरों से विस्थापित होकर पैठान टोली के ऊंचे पुल पर शरण लेने को मजबूर हुए हैं।
प्रभावित लोगों का कहना है कि उन्हें पिछले दो दिनों से खाना पकाने, पीने के पानी और शौचालय की सुविधा नहीं मिल पा रही है। कई लोग बिस्कुट और पानी पर ही निर्भर हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस मदद नहीं मिली है। तालबारी, चौका, कपरिया, बनगामा, ज्ञानडोव, सिमलबाडी, नगरा टोल, पैठान टोली, रंगरैय्या लालटोली सहित कई गांवों में स्थिति गंभीर है। कई जगहों पर लोग झुग्गियां बनाकर रहने को मजबूर हैं।
स्थानीय प्रतिनिधियों ने प्रशासन से सामुदायिक रसोई शुरू करने और प्रभावित परिवारों को निकालने के लिए और अधिक मोटर बोट की मांग की है। जिला आपदा पदाधिकारी के अनुसार, एसडीआरएफ की टीम दो नावों के साथ बचाव कार्य में जुटी है। बीडीओ और थाना अध्यक्ष भी मोटर बोट के सहारे लोगों को बचाने में लगे हुए हैं। हालांकि, स्थानीय लोगों में प्रशासन की धीमी प्रतिक्रिया को लेकर आक्रोश है। वे शिकायत कर रहे हैं कि अधिकारी सिर्फ दौरा करके चले जाते हैं, लेकिन ठोस मदद नहीं पहुंचा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभी तक कहीं भी सामुदायिक रसोई शुरू नहीं की गई है, जिससे लोगों को भोजन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।