पूर्णिया: ध्यान साधना करें, परमपिता परमेश्वर से मिलन होगा, उक्त प्रवचन प्रखंड के कांप गांव में आयोजित संतमत सतसंग के दो दिवसीय सतसंग में स्वामी व्यासानंदजी जी महाराज ने देते हुए कही । इस अवसर पर कांप क्षेत्र में सतसंग से क्षेत्र में भक्ति की बयार बह चली है तथा पूरा क्षेत्र इसके सुगंध से सुगंधित हो गया है ।
अपने प्रवचन में कहा कि ध्यान साधना करें, अंधकार दूर होगा तथा परमपिता परमेश्वर से मिलन हो जाएगा । इसके लिए मात्र बारह सेकेंड अपने दोनों नेत्रों को त्रिकुटी पर केंद्रित करें तथा उसके साथ-साथ् मन को भी वहां केंद्रित करें । जैसे ही तीनों केंद्रित होगा, अंधकार के बीच प्रकाश का एक बिंदु दिखाई पडेगा । इसे भक्तजन धीरे-धीरे समय बढाते जाएं, अंधकार के बीच प्रकाश बिंदु कई रूप में दिखाई देने लगेंगे ।
इसके बाद जिस प्रकार चंद्रमा का प्रतिबिम्ब नदी के किनारे पानी में देखने के बाद दिखता है, उसी प्रकार एक बडा प्रकाश बिंदु लहर की तरह दिखाई देगा । इसके बाद प्रकाश लूप्त हो जाएगा तथा शब्द सुनाई पडने लगेगा । यह शब्द अपने-आप एक अनोखा मिठास पैदा करनेवाला होगा । जिसमें भक्तजन गोता लगाने लगेंगे तथा उन्हें उस शब्द के अलावा कोई भी बात सुनने को मन नहीं करेगा, उसी में वे रमते दिखाई देंगे । उसी शब्द में ब्रहम के रूप का अनुभव होगा तथा मोक्ष की प्राप्ति होगी ।
मोक्ष की प्राप्ति के बाद फिर जीवन-मरण से सदा के लिए छूटकारा मिल जाएगा । इसके लिए लोगों को पंच महापापों को त्यागना होगा । झूठ, चोरी, नशा, हिंसा एवं व्यभिचार से जो भी आदमी मुक्त हो जाएंगे, उन्हें नया मार्ग मिलेगा जो सीधा परम ब्रहम को प्राप्त करेगा । इसके लिए उन्हें ध्यान, साधना की आवश्यकता होगी, तभी वे इन पांच महापापों से मुक्ति पा सकेंगे । परंतु लोगों को पहले संतों के शरण में आना होगा तथा उनके बताये मार्ग पर चलना होगा ।
इनके अलावा अनके साधु-महात्माओं ने भी अपने प्रवचन से श्रद्धालुओं का जीवन धन्य किया । इस अवसर पर इस संतसंग के आयोजन में गांव तथा क्षेत्र के लोगों की महती भूमिका रही ।