पूर्णिया/रूपौली/अभय कुमार सिंह : मोहनपुर बाजार में मुर्गा दुकान की आड़ में अवैध शराब के मामले में गिरफ्तार पिता-पुत्र में से पिता को एक्साईज विभाग की टीम द्वारा छोड़ दिये जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है तथा यहां के लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि जब शराबंदी को इसकी रक्षा करनेवाले रक्षक ही जब कानुन को तोड़ने लगें तो, फिर शराबबंदी का अर्थ क्या रह जाता है । एक्साईज विभाग की इस करतूत से क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है । लोगों का कहना है कि उत्पाद विभाग उस संविधान की धारा को बताए, जिसके तहत दुकान में अवैध शराब पकड़े जाने के दौरान चाहे जितने व्यक्ति मौके पर पकड़े जाएंगे, उनमें सिर्फ एक ही व्यक्ति की गिरफ्तारी होगी तथा जेल जाएगा ।
क्या है मामला-
रविवार को एक्साईज विभाग की टीम ने मोहनपुर बाजार के विवेकानंद चैक पर अवैध शराब की विक्री की सूचना पर, एक मुर्गा बेचनेवाले की दुकान पर छापामारी की थी । मौके पर टीम ने आम के कार्टून में छिपाकर रखे शराब को पकड़ा था तथा दुकान मालिक पिता तूफानी मंडल एवं पुत्र श्रवण कुमार को तत्काल गिरफ्तार कर लिया था ।
पिता तुफानी मंडल को छोड़ने पर उठ रहे हैं सवाल-
एक्साईज विभाग द्वारा अवैध शराब के मामले में गिरफ्तार कर ले जाने के बाद तूफानी मंडल को छोड़ दिये जाने पर, यहां के लोग दांतों तले अंगुली दबा बैठे तथा चर्चा का विषय बन गया है कि जब कानुन के रक्षक ही शराबबंदी को ठेंगा दिखाएंगे, तब फिर दूसरे से क्या अपेक्षा की जा सकती है । इसी तरह छोड़ दिये जाने का ही नतीजा है कि क्षेत्र में खुलेआम शराब की बिक्री होती है ।
कहते हैं एक्साईज विभाग के दारोगा दिनेश कुमार-
इस बाबत जब एक्साईज दारोगा दिनेश कुमार से पूछा गया कि किस विधान के तहत पिता तूफानी मंडल को छोड़ा गया, तो उन्होंने कहा कि दुकान में अवैध शराब के मामले में पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया गया था, परंतु कानुन के अनुसार दुकान में कोई अवैध शराब बेचते पकड़े जाते हैं, तब उनमें से किसी एक को ही जेल भेजने का प्रावधान है । इसलिए कौन जेल जाएगा, इसके लिए दोनों पिता-पुत्र से पूछा गया था कि कौन जेल जाएगा, इसपर पिता एवं पुत्र के बीच निर्णय हुआ था कि पुत्र ही जेल जाएगा । पिता तूफानी मंडल को छोड़ दिया गया, जबकि पुत्र श्रवण को जेल भेज दिया गया है । विभाग ने अपने मौखिक कानुन के तहत छोड़ा या फिर कानुन की सुसंगत धारा के अनुसार छोड़ा, नहीं बताया ।
यह मामला भी जान लें-
रूपौली थाना पुलिस व्यवसायिक मंडी बिरौली बाजार में 14 जून को विदेशी शराब का भंडार ललन जायसवाल के यहां पकड़ी, मौके पर पत्नी निशा देवी को गिरफ्तार किया तथा जेल भेज दिया । इसके अलावा पुलिस ने उसके पति को भी अभियुक्त बनाया तथा उसपर भी सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, ललन जायसवाल फरार चल रहा है ।
कुल मिलाकर अब लोग यह तुलना करने लगे हैं कि रूपौली पुलिस ने धारा 30 (ए) बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2018 के तहत बिरौली बाजार के पति-पत्नी को अवैध शराब के मामले में अभियुक्त बनाया, जबकि पति ललन जायसवाल पकड़ा भी नहीं गया था । अब सवाल उठता है कि दुकान पर दोनों पिता-पुत्र अवैध शराब के साथ मौका -ए-वारदात पकड़े जाते हैं, फिर किस धारा के तहत पिता को रिहा किया गया तथा पुत्र को जेल भेजा गया है । इसकी जानकारी अब लोग खुले रूप से जानना चाहते हैं । साथ ही लोग इससे संबंधित कानुन को भी सार्वजनिक करने की मांग की है ।
कहीं भी शराब पकड़ी जाती है तब पुलिस या एकसाईज विभाग वाले फोटो खींचने से मना करते हैं-
लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर जब भी शराब पकड़ी जाती है, तब पुलिस या एक्साईज विभाग वाले आमलोगों को फोटो खींचने से मना करती है तथा हडकाती भी है । आखिर ऐसा कौन-सा कानुन है, उसे भी लोग जानना चाहते हैं, ताकि वे गलती ना करें ।