SAHARSA NEWS अजय कुमार/सहरसा : रेल परिचालन मे सुरक्षा और संरक्षा को लेकर शुक्रवार को सहरसा जंक्शन में मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। शुक्रवार को रेलवे यार्ड में एक संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिसमें एनडीआरएफ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, की 9वीं बटालियन के साथ रेलवे कर्मचारी और स्काउट एंड गाइड कैडेट्स ने भाग लिया। रेल अधिकारियों की माने तो इस ड्रिल का उद्देश्य रेलवे कर्मचारियों की चौकसी और कुशलता की जांच करना था। जो किसी भी दुर्घटना की स्थिति में आवश्यक होती है।इस दौरान एनडीआरएफ ने एक मॉक ड्रिल किया। जिसमें दिखाया गया कि किसी दुर्घटना के बाद यात्रियों को कैसे बचाया जा सकता है। इस ड्रिल में रेलवे कर्मचारियों और स्काउट एंड गाइड कैडेट्स ने भी भाग लिया। एनडीआरएफ के साथ मिलकर काम किया
मॉक ड्रिल में विशेष रूप से समस्तीपुर रेल मंडल के एडीआरएम आलोक कुमार झा और एनडीआरएफ टीम के डिप्टी कमांडेंट विनय कुमार के अलावा कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।एडीआरएम ने कहा कि इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य रेलवे कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन और यात्री सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षित करना था। इस ड्रिल के माध्यम से रेलवे कर्मचारियों को यह समझने में मदद मिली कि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में कैसे काम करना है।मॉक ड्रिल का आयोजन साल में दो बार होता है।इस बार सहरसा जंक्शन का चयन किया गया था। मॉक ड्रिल का आयोजन पूरी तरह से सफल रहा। जहां थोड़ी कमियां हुई उसे दूर किया जाएगा। इसके अलावा सहरसा में एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन पहले से मौजूद है। समय-समय पर इसके उपकरण की जांच भी की जाती है।वही मॉक ड्रिल के आयोजन पर रेलवे और एनडीआरएफ टीम के सभी काउंटर लगाए गए थे। ताकि हर काउंटर पर आपदा के समय दुर्घटनाग्रस्त यात्रियों को पूरी तरफ से उपचार मिल सके।
इस अवसर पर सीनियर डीएसओ रितेश कुमार,सीनियर डीईएन थ्री उत्कर्ष कुमार के अलावा सहरसा स्टेशन अधीक्षक सुभाष चंद्र झा, मंडल रेल चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार, समस्तीपुर डीसीआई राजेश रंजन श्रीवास्तव के अलावा सीनियर डीएमई कैरिज एंड वैगन, सीनियर डीईई, सीनियर डीईई टीआरडी और मंडल के कई अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल के एडीआरएम आलोक कुमार झा आज सहरसा रेलवे स्टेशन पहुंचे। इस दौरान सहरसा रेलवे यार्ड मे रेलवे प्रशासन की ओर से ट्रेन दुर्घटना के दौरान राहत बचाव को लेकर मॉक ड्रिल के जरिये रिहर्सल करवाया। मॉक ड्रिल के माध्यम से एनडीआरएफ के जवानों द्वारा ट्रेन हादसे के बाद रेल बोगी में फंसे लोगों किस तरह से बाहर निकालकर अस्तपाल पहुंचाकर उन्हें मेडिकल सुविधा दिलाई जाती है। उसका रिहर्सल किया गया। वहीं मौके पर मौजूद एडीआरएम आलोक कुमार झा ने बताया कि मॉक ड्रिल के माध्यम से गाड़ी संख्या 05239 पूर्णिया कोर्ट सहरसा डेमू स्पेशल पेसेंजर गाड़ी यार्ड मे प्रवेश के दौरान अवपथन हो गया जिसमें 20 यात्री जख़्मी हो गए। जख़्मी यात्रियों को कैसे रेकस्यू कर बाहर निकाला गया और कैसे बचाव किया जाना चाहिए।इसकी विस्तृत रूप से रिहर्सल करके दिखाया गया। मॉक ड्रिल में कोच का एक्सीडेंट के उपरांत रेल जिला प्रशासन एवं एनडीआरफ के सहयोग से चलाई जाने वाले राहत और बचाव कार्य को दिखाया गया।बचाव कार्य के दौरान एआरटी के कर्मचारी स्काउट गाइड के वालंटियर एवं एनडीआरएफ के जवानों के अवपतिथ कोच को गैस कटर से काटकर खिड़की के रास्ते जख्मी यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया।उसके बाद जख्मी यात्रियों को स्ट्रेचर पर लाद कर तुरंत इलाज के लिए मेडिकल टीम के पास ले जाया गया. जहां उसका समुचित इलाज डॉक्टर के द्वारा की गई।वहीं मौके पर मौजूद एनडीआरफ के कमानडेंट विनय कुमार ने कहा कि ट्रेन हादसे के बाद किस तरह राहत बचाव किया जाता है उसका मॉक ड्रिल एनडीआरएफ के जवानों द्वारा अभ्यास किया गया। एडीआरएम आलोक कुमार झा ने कहा यू तो मॉक ड्रिल रेलवे के सुरक्षा बचाव के मद्देनज़र नजर किया जाता और प्रत्येक वर्ष दो बार आयोजित होनी वाली मॉक ड्रिल के लिए इस बार सहरसा स्टेशन को चुना गया है।