मुजफ्फरपुर: Liquor Smuggling बिहार में शराबबंदी कानून को चकमा देने के लिए शराब माफिया नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। मुजफ्फरपुर में उत्पाद विभाग ने एक ऐसे ही नए तरीके का पर्दाफाश किया है, जहां तस्कर तेल टैंकर का इस्तेमाल शराब की खेप पहुंचाने के लिए कर रहे थे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, खुफिया जानकारी के आधार पर उत्पाद विभाग की टीम ने मंगलवार देर रात एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। मुजफ्फरपुर के सकरा क्षेत्र में एक पेट्रोलियम कंपनी के टैंकर से भारी मात्रा में अवैध शराब बरामद की गई। टैंकर में विशेष तरीके से बनाए गए गुप्त कक्ष में शराब छिपाई गई थी। “यह एक नया और खतरनाक ट्रेंड है। “तस्कर अब पेट्रोलियम कंपनियों के टैंकर का दुरुपयोग कर रहे हैं। इससे न केवल शराबबंदी कानून का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी खतरा है।”
पकड़ी गई शराब पूर्वोत्तर भारत में निर्मित है। विभाग को आशंका है कि यह एक बड़े अंतरराज्यीय शराब तस्करी रैकेट का हिस्सा हो सकता है। टैंकर पर लगी नंबर प्लेट की जांच से पता चला है कि वह पूर्वोत्तर राज्यों से संबंधित है। उत्पाद विभाग के उप-आयुक्त राजेश कुमार ने बताया, “हमारी टीम लगातार नई तकनीकों और रणनीतियों का इस्तेमाल कर रही है। इस बार हमने ड्रोन का भी इस्तेमाल किया, जिससे टैंकर की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।” विभाग ने इस मामले में कई टीमें गठित की हैं। एक टीम शराब के स्रोत की जांच कर रही है, दूसरी स्थानीय नेटवर्क को खंगाल रही है, जबकि तीसरी टीम फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है।
स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले छह महीनों में शराब तस्करी के तरीकों में काफी बदलाव देखा गया है। “पहले ट्रकों और कारों का इस्तेमाल होता था, फिर दूध के टैंकर आए, और अब तेल टैंकर। तस्कर लगातार नए-नए तरीके खोज रहे हैं।” उत्पाद विभाग ने इस घटना के बाद राज्य भर में विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। सभी जिलों को पेट्रोलियम टैंकरों की जांच के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही, पेट्रोलियम कंपनियों से भी सहयोग मांगा गया है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब्त की गई शराब की कीमत करीब 50 लाख रुपये आंकी गई है। टैंकर को जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है। इस पूरे मामले में कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।