सहरसा/अजय कुमार : पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के तत्वावधान में दो दिवसीय दिवसीय कोसी सांस्कृतिक महोत्सव का आगाज हुआ। जिसमें स्थानीय एवं मुंबई के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत की गई। इस दौरान दर्शकों की उपस्थिति भी नाम मात्र रही जिसके कारण कुर्सियां खाली ही रह गई। वहीं कोशी महोत्सव का आयोजन स्थानीय संस्कृति के प्रचार प्रसार एवं स्थानीय कलाकारों को मंच उपलब्ध कराए जाने को लेकर किया जाता हैl
लेकिन मिथिलांचल की हृदय स्थली सहरसा में स्थानीय मैथिल संस्कृति लगभग नदारत रही हालांकि इस कार्यक्रम के दौरान एकमात्र गीत मैथिली गीत का गायन किया गया। जो इस महोत्सव के औचित्य पर प्रश्न खड़ा करता है। प्रबुद्ध नागरिकों ने बताया कि जिले में आठ सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया जाता है। जिसमें बाहरी कलाकारों को आमंत्रित कर मनमानी ढंग से महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।जबकि बहुत से स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुति से वंचित रह जाते है।इस महोत्सव में भी इंडियन आइडल दीपाली सहाय के द्वारा हिंदी एवं भोजपुरी गीतों का गायन किया जाना यहां की संस्कृति पर कुठाराघात है।
इस अवसर पर इंडियन आइडल के दीपाली सहाय ने देवी गीत ऊंचे पर्वत पर रहने वाली,भक्तों का दुख हरने वाली मेरी मां,हिन्दी गीत चलो सजना जहां तक घटा चले,महाकवि विद्यापति रचित मैथिली गीत मोरा रे अंगनमा चानन के गछिया, ताही पर कुर्रे काग रे,हिन्दी गीत चलो सजना जहां तक घटा चले, मैंने पायल है छनकाई अब तो आजा तू हरजाई,भोजपूरी गीत सखिया सहेलियां के पिया अलबेला बनवारी हो, हमरा के बलमा गंवार, परदेसी परदेसी जाना नहीं मुझे छोड़ के, खत लिख दे सांवरिया के नाम बाबू कोरे कागज पर लिख दे सलाम बाबू तथा पनिया के जहाज से पलटनिया बनि अइहञ पिया जैसे गीत गाकर उपस्थित दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया।
कार्यक्रम का संचालन अर्चना चौधरी एवं मुक्तेश्वर सिंह ने किया। इस अवसर पर स्वरांजलि के कलाकारों ने स्वागत गीत एवं समूह नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों का दिल जीत लिया। प्रोफेसर गौतम कुमार सिंह एवं प्रोफेसर भारती सिंह की निर्देशन में स्वागत गान में, श्रेया, स्मृति, शुभांगी, श्रुति, वैष्णवी, पल्लवी शामिल रहे।वही कार्यक्रम में वाद्य यंत्र पर हारमोनियम श्रेया कुमारी तबला प्रोफेसर गौतम कुमार सिंह ढोलक किशोर कुमार आक्टोपैड पर सोनू भारद्वाज, परीक्षण पर प्रखर एवं सत्यम थे।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी ज्योति कुमार के द्वारा भी गीत प्रस्तुति देकर महोत्सव में जमकर वाहवाही लूटी उन्होंने सागर सावन देता है। मधुबन जीवन देता है गीत की प्रस्तुति दी। वही कलाकार शंकर कुमार ने गणेश वंदना, शिव गौरी के लाडले गणेश आओ अंगना पधारो गजराज साथ ही भोजपुरी गीत खाके मगहिया पान की प्रस्तुति दी वही भावना कुमारी ने नृत्य की प्रस्तुति दी। हालांकि अधिकारियों ने स्वीकार किया कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस कार्यक्रम का वृहद प्रचार प्रसार में कमी रह गई। विगत वर्षों से इस कार्यक्रम का व्यापक प्रचार प्रसार कर भव्य रूप से आयोजन किया जाएगा।