पूर्णिया : बढ़ती गर्मी, तेज पछुआ हवा, हीटवेव एवं आगजनी की घटनाओं से बचाव को लेकर आज शुक्रवार को जिला पदाधिकारी कार्यालय वेश्म में जिलाधिकारी श्री कुन्दन कुमार की अध्यक्षता में आपदा विभाग की बैठक में सभी विभागों के कार्यों की समीक्षा की गयी। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी महोदय द्वारा जिला अग्निशमन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया की अग्निकांड की घटनाओं पर त्वरित एवं प्रभावी नियंत्रण तथा रोक थाम हेतु अग्निशमन वाहनों को 24 घंटे आधुनिक संसाधनों के साथ क्रियाशील हालत में पहले से ही तैयार रखने का निर्देश दिया गया।
अग्निशमन वाहनों में पानी भरने में विलंब नहीं हो इसलिए सभी क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता वाले स्थलों को पहले से ही चिन्हित कर पानी भरने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया। अग्निकांड की घटनाओं की सूचना मिलते ही बिना विलंब के घटना स्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया गया ताकि आग पर त्वरित गति से प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम किया जा सके। जिलाधिकारी महोदय द्वारा अग्निकांड की घटनाओं के मद्देनजर विभाग से 12 हजार लीटर क्षमता वाली अग्निशमन की बड़ी वाहन उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया गया।
बैठक के दौरान जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा कहा गया कि सतर्कता,जानकारी एवं जागरूकता के द्वारा ही हम अगलगी की घटनाओं पर नियंत्रण एवं हीट बेव से बचाव कर सकते है। जिलाधिकारी महोदय द्वारा सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश गया कि अगलगी की घटनाओं एवं हीट बेव से सुरक्षा हेतु लोगों को पूरी सावधानी बरतने एवं निर्धारित मापदंडों का पालन करवाने के संबंधित सभी विभाग व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलायें।
अग्निकांड से बचाव हेतु जनहित में उपाय जारी किया गया है। इसका अनुपालन करने से आग पर काबू पाया जा सकता है। दिन का खाना 9:00 बजे सुबह से पूर्व तथा रात का खाना शाम 6:00 बजे तक बना लें। कटनी के बाद खेत में छोड़े डंठलों में आग नहीं लगावें। हवन आदि का काम सुबह निपट लें। भोजन बनाने के बाद चूल्हे की आग पूरी तरह से बुझा दें। रसोई घर यदि फूस का है तो उसकी दीवाल पर मिट्टी का लेप अवश्य कर दें।रसोई घर की छत ऊंची रखी जाये। आग बुझाने के लिए बालू अथवा मिट्टी बोर में भरकर तथा दो बाल्टी पानी अवश्य रखें।
दीया,लालटेन, मोमबत्ती को ऐसी जगह पर ना रखें जहां से गिरकर आग लगने की संभावना हो। शॉर्ट सर्किट की आग से बचने के लिए बिजली वायरिंग की समय पर मरम्मत करा लें। मवेशियों को आग से बचने के लिए मवेशी घर के पास पर्याप्त मात्रा में पानी का इंतजाम एवं निगरानी अवश्य करते रहें। घर में किसी भी उत्सव के लिए लगाये कनात अथवा टेंट के नीचे से बिजली के तार को न ले जायें ।
जलती हुई माचिस की तिल्ली अथवा अधजली बीड़ी एवं सिगरेट पीकर इधर-उधर न फेंकें। जहां पर सामूहिक भोजन इत्यादि का कार्य हो रहा हो वहां पर दो से तीन ड्रम पानी अवश्य रखा जाये। भोजन बनाने का कार्य तेज हवा के समय नहीं किया जाये।खाना बनाते समय ढीले ढाले और पॉलिस्टर के कपड़े पहनकर खाना ना बनायें। हमेशा सूती कपड़ा पहन कर ही खाना बनायें। सार्वजनिक स्थलों ,ट्रेनों एवं बसों आदि में ज्वलनशील पदार्थ लेकर ना चलें। ग्रामीण क्षेत्रों में हरा गेहूं,खेसारी छिमी भी बच्चें लाकर भूनते हैं।
ऐसे में आग लगने से बचने के लिए उन पर निगरानी रखें। आग लगने पर समुदाय के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास करें। फायर ब्रिगेड 101 नंबर एवं प्रशासन को तुरंत सूचित करें एवं उन्हें आग बुझाने में सहयोग करें। अगर कपड़ों में आग लगे तो रुक जाये और लेटकर लुढ़कना चाहिए।
जिलाधिकारी महोदय द्वारा नगर निगम, पूर्णिया सहित सभी नगर निकायों को निदेश दिया कि अविलंब सभी महत्त्वपूर्ण स्थानों पर पेयजल हेतु प्याऊ की व्यवस्था शीघ्र करें। साथ ही सभी नल-जल की योजना से सभी वार्डों में जलापूर्ति सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी महोदय द्वारा पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता को अकार्यरत नल-जल योजना को अविलंब मरम्मति कराकर चालू कराने का निदेश दिया। साथ ही सभी वैसे चापाकल जो खराब पड़े हैं उसका युद्धस्तर पर मरम्मति कराने का भी निदेश दिया।
जिलाधिकारी महोदय द्वारा स्वास्थ्य विभाग को सभी पीएचसी में हीट बेव एवं लू से बचाव को लेकर डेडिकेटेड वार्ड की व्यवस्था करने तथा पर्याप्त मात्रा में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने और आई.सी.डी.एस. को उनके अधियाचना के आलोक में ओ.आर.एस. का पैकेट उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया। पशुपालन विभाग के अधिकारी को भीषण गर्मी को देखते हुए पशुओं के लिए पानी की उपलब्धता के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश दिया।
जिलाधिकारी महोदय द्वारा श्रम अधीक्षक को श्रमिकों के कार्य का समय गर्मी को देखते हुए निर्धारित करने एवं कार्यस्थल पर पीने का पानी,शेड आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निदेश दिया।साथ ही मनरेगा के श्रमिकों के कार्य अवधियों में भी बदलाव करने का निदेश दिया। तत्पश्चात जिलाधिकारी महोदय द्वारा संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को भीषण गर्मी, हीटवेव एवं आगजनी की घटनाओं को देखते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया।
जिलाधिकारी द्वारा कहा गया की भीषण गर्मी एवं लू से बचाव हेतु जनहित में ‘‘क्या करें, क्या नही करें’’ जारी किया गया है।
आम जनमानस इसका अनुपालन कर ऐसी घटनाओं को रोक सकते है:–
(1) गर्म हवाएं / लू से सुरक्षा के उपाय स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान और आगामी तापमान में परिवर्तन के बारे में विभिन्न विश्वसनीय माध्यम से लगातार जानकारियां लेते रहें। बार-बार पानी पीयें। सफर में अपने साथ पीने का पानी अवश्य रखें।धूप में जाते वक्त यथा संभव हल्के रंग के ढीले-ढाले एवं सूती कपड़े पहनें। गमछा या टोपी से अपने सिर को ढकें। हल्का भोजन करें,मौसमी फल जैसे-तरबूज,खीरा,ककड़ी,खरबूज,संतरा आदि का अधिकाधिक सेवन करें।घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नमक-चीनी का घोल, छाछ, नींबू-पानी, आम का पन्ना इत्यादि का नियमित सेवन करें। जानवरों को छाँव में रखें एवं उन्हें भी खूब पानी पीने को दें।अगर तवीयत ठीक न लगे या चक्कर आये तो जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
(2) लू लगने पर क्या करें ?
लू लगे व्यक्ति को छाँव में लिटा दें। अगर उनके शरीर पर तंग कपड़े हों तो उसे ढीला कर दें अथवा हटा दें। लू लगे व्यक्ति का शरीर गीले कपड़े से पोछें या ठंडे पानी से नहलाएं एवं बार-बार गीले कपड़े से शरीर को पोछें। संबंधित व्यक्ति को ओआरएस, नींबू पानी, नमक-चीनी का घोल, छाछ या शर्वत पीने को दें, यह शरीर में जल की मात्रा को बढ़ाता है। लू लगे व्यक्ति को शीघ्र नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ले जायें।
(3) क्या न करें ?
कड़ी धूप में बाहर न निकलें। अधिक तापमान में क्षमता से ज्यादा शारीरिक श्रम न करें। प्रोटीन युक्त भोजन जैसे मांस, अंडा व सूखे मेवे जो शारीरिक ताप को बढ़ाते हैं, का सेवन कम करें।लू के कारण पानी की उल्टियां करे या बेहोश हो जाये तो उसे कुछ भी खाने-पीने को न दें। बच्चों एवं पालतू जानवरों को बंद वाहनों में न छोड़ें।दोपहर के समय मवेशियों को चराने के लिए बाहर निकलने से बचें। बैठक में अपर समाहर्त्ता, निदेशक डीआरडीए,आपदा प्रभारी सह भूमि सुधार उपसमाहर्ता बायसी, जिला परिवहन पदाधिकारी,जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला अग्निशमन पदाधिकारी एवं संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।