पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले में फाइलेरिया की रोकथाम और शीघ्र पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक विशेष नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 28 जून से 6 जुलाई तक जिले के सभी प्रखंडों में संचालित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी रात 8 बजे से 12 बजे के बीच चिह्नित क्षेत्रों में कैंप लगाकर स्थानीय लोगों के रक्त नमूने एकत्र कर रहे हैं। इन नमूनों की माइक्रोस्कोप से जांच की जा रही है ताकि शरीर में फाइलेरिया के कीटाणुओं की पहचान की जा सके। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. आर.पी. मंडल ने बताया, “इस सर्वे में फाइलेरिया से पीड़ित मरीज भी लोगों को जांच कराने के लिए जागरूक कर रहे हैं। जिले के तीन प्रखंडों – पूर्णिया पूर्व ग्रामीण, कसबा और के.नगर में पेशेंट सपोर्ट ग्रुप संचालित किए जा रहे हैं।” इन समूहों के माध्यम से फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को नियमित चिकित्सा सहायता, एमएमडीपी किट्स का उपयोग और नियमित व्यायाम के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की सदस्य टुमनी देवी ने कहा, “मुझे पैर में सूजन होने के बाद ही फाइलेरिया का पता चला। यह बीमारी किसी और को न हो, इसलिए सभी को जांच करवानी चाहिए।” भीबीडीओ रवि नंदन सिंह ने बताया कि फाइलेरिया के लक्षण आमतौर पर 5-10 साल बाद दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा, “नाइट ब्लड सर्वे में जांच कराने से शुरुआती स्तर पर ही माइक्रो फाइलेरिया की पहचान हो सकती है, जिससे समय रहते उपचार संभव हो जाता है।” स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि प्रत्येक प्रखंड के सेंटिनल और रैंडम साइट से कम से कम 300-300 लोगों के रक्त नमूने लिए जाएं। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे इस सर्वे में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें ताकि फाइलेरिया की शीघ्र पहचान और रोकथाम की जा सके। यह अभियान फाइलेरिया नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समुदाय को इस गंभीर बीमारी से बचाने में मदद करेगा। स्वास्थ्य विभाग ने सभी नागरिकों से इस सर्वे में सहयोग करने और अपने स्वास्थ्य की जांच कराने का आग्रह किया है।