नई दिल्ली/पूर्णिया: Pappu Yadav बिहार के पूर्णिया से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने लोकसभा में बाढ़, आपदा प्रबंधन, नदियों के संरक्षण और पुनर्जीवन से संबंधित अनेक मुद्दे उठाए। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को इन विषयों पर गंभीरता से कदम उठाने की अपील की। श्री यादव ने अपने वक्तव्य में कोरोना काल के समय और उसके बाद की स्थिति पर चर्चा करते हुए डिजास्टर मैनेजमेंट में आम जनता और सामाजिक संगठनों को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा सौरा नदी समेत अन्य नदियों पर माफिया द्वारा कब्जे से मुक्ति के लिए जाँच टीम का गठन कर कार्रवाई करने की मांग की। पप्पू यादव ने कोरोना महामारी के दौरान बिहार और उत्तर भारत की स्थिति को याद दिलाया, जब गंगा नदी के किनारे शव बहते नजर आए थे। उन्होंने कहा, “कोरोना महामारी के समय गंगा किनारे पड़ी लाशें हमारी व्यवस्था की विफलता को दर्शाती हैं। डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत आम नागरिक, वैज्ञानिक और सामाजिक संगठनों को शामिल किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।“ उन्होंने मांग की कि पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए कमेटी बनाई जाए, जिसमें समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो।
पप्पू यादव ने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में शुरू की गई नदियों को जोड़ने की योजना का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “अटल जी की नदियों को जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना आज भी अधूरी पड़ी है। बिहार की कई नदियों जैसे गंडक, सप्तकोशी, बूढ़ी गंडक, महानंदा, कमला, कनहर और सौरा नदी पर काम नहीं हो सका है। अगर इन नदियों का सही तरीके से प्रबंधन होता, तो हर साल होने वाली बाढ़ से बचा जा सकता था।” उन्होंने फरक्का बैराज (1974) की चर्चा करते हुए कहा कि बैराज बनने के बाद से लेकर आज तक भागलपुर, नौगछिया और मनिहारी जैसे क्षेत्रों में नदियों की गाद नहीं निकाली गई। उन्होंने कोसी नदी पर भीमनगर बैराज के पुनर्वास और मजबूतीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बिहार में नदियों की जमीन पर माफियाओं द्वारा कब्जे और अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया। “पूर्णिया और बिहार के अन्य जिलों में नदियों के किनारे अपार्टमेंट और मेडिकल हब बनाकर कानूनों का उल्लंघन किया गया है। मैं चाहता हूं कि इन जमीनों की जांच हो और उन्हें खाली कराया जाए।
” पप्पू यादव ने कोसी-महानंदा एक्सप्रेसवे बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह परियोजना सीमांचल के पूर्णिया, किशनगंज, अररिया और सहरसा जैसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है। “अगर गाइड बांध और नहरों का पक्कीकरण किया जाए, तो इन इलाकों में बाढ़ के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।” उन्होंने भीम बराज और फरक्का बराज के पुनर्निर्माण के साथ हाई डैम बनाने की अपील भी सरकार से की। इसके अलावा सांसद ने सरकार से कोरोना महामारी से प्रभावित 40,000 परिवारों को मुआवजे का भुगतान शीघ्र करने की अपील की। उन्होंने विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के मजदूरों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन राज्यों के लोगों ने महामारी के दौरान सबसे ज्यादा पीड़ा झेली है। उन्होंने हर जिले में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों को व्यवस्थित करने की मांग की। उन्होंने आगजनी और अन्य आपदाओं के लिए पर्याप्त तैयारी की आवश्यकता पर बल दिया।