नई दिल्ली/पूर्णिया: Pappu Yadav बिहार के लोकप्रिय नेता सह पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने लोकसभा में बिहार के मत्स्य उत्पादन और पशुपालन से जुड़ी समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए सरकार से विशेष योजनाओं की मांग की। उन्होंने बिहार में मछली उत्पादन को लेकर सवाल किया, जहां मछली उत्पादन राष्ट्रीय औसत से कम है और इसके परिणामस्वरूप 1500 करोड़ रुपये का वार्षिक आयात किया जाता है। इसके उपरांत सांसद पप्पू यादव के सवालों का जवाब देते हुए केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बताया कि 2014-15 में 4.79 लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन के मुकाबले 2023-24 में 8.73 लाख मीट्रिक टन उत्पादन के साथ बिहार ने 81.98% की वृद्धि दर्ज की है।
उन्होंने यह भी बताया कि बिहार का देश के मत्स्य उत्पादन में चौथा स्थान है और 2023-24 में बिहार ने 38.38 हजार मीट्रिक टन मछली अन्य राज्यों को निर्यात की है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने बिहार को 279.55 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक विशेष पैकेज दिया, जिसमें नए तालाबों का निर्माण, मत्स्य बीज पालन, मछुआरों के लिए आवास, और फिश मार्केट सहित अन्य योजनाएं शामिल थीं। इसके अलावा, 158.82 करोड़ रुपये के केंद्रीय अंश के साथ प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत आधुनिक तकनीकों और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया गया।
सांसद पप्पू यादव के सवाल पर, मंत्री ने बताया कि कोसी, सीमांचल, और मिथिलांचल जैसे क्षेत्रों में पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन और डेयरी विकास राष्ट्रीय कार्यक्रम जैसी योजनाएं चल रही हैं। इन योजनाओं के तहत बिहार में 20.95 लाख किसान लाभान्वित हुए, 35.11 लाख कृत्रिम गर्भाधान किए गए, और 2 आईवीएफ प्रयोगशालाएं स्थापित की गईं।