सांसद पप्पू यादव के मांग के आधार पर विधि विभाग ने लिख निबंधक (प्रशासन), माननीय उच्च न्यायालय, पटना को पत्र
पटना/पूर्णिया: PAPPU YADAV पूर्णिया में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना के संबंध में सांसद पप्पू यादव की मांग पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। विधि विभाग के संयुक्त सचिव-सह-अपर विधि अनुस्मारक-सह-प्रथम अपीलीय प्राधिकार श्री उमेश कुमार शर्मा ने निबंधक (प्रशासन), माननीय उच्च न्यायालय, पटना को पत्र लिखकर इस विषय पर यथोचित कार्रवाई का अनुरोध किया है। सांसद पप्पू यादव ने इस विषय को कई मंचों पर उठाया। उन्होंने लोकसभा में यह मुद्दा जोरदार तरीके से रखा, साथ ही बिहार के राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से भी मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि कोसी, सीमांचल, मिथिलांचल और भागलपुर के क्षेत्र में गरीब जनता को न्याय से वंचित रहना पड़ता है क्योंकि पटना उच्च न्यायालय तक पहुंचने में आर्थिक और भौगोलिक बाधाएं हैं।
पप्पू यादव ने तर्क दिया कि पटना उच्च न्यायालय में वर्तमान में 2.37 लाख मामले लंबित हैं और अधिवक्ताओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा, “पूर्णिया में खंडपीठ की स्थापना न्याय की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित करेगी और गरीब जनता को राहत प्रदान करेगी।” विधि विभाग के पत्र में यह उल्लेख किया गया कि राज्यपाल सचिवालय से प्राप्त सांसद पप्पू यादव का पत्र यथोचित कार्रवाई के लिए संलग्न किया गया है। पत्र में पूर्णिया में खंडपीठ की स्थापना की आवश्यकता और क्षेत्र की भौगोलिक और आर्थिक स्थितियों पर ध्यान देने की अपील की गई है। विधि विभाग ने स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालय की खंडपीठों की स्थापना के लिए संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सहमति और राज्य सरकार की ओर से आवश्यक बुनियादी ढांचे और वित्तीय प्रावधानों की आवश्यकता होती है।
सांसद पप्पू यादव ने इस मांग के पीछे तर्क दिया कि सीमांचल, मिथिलांचल, और कोसी क्षेत्र के लोगों को पटना तक पहुंचने में भारी कठिनाई होती है। उन्होंने कहा, “पूर्णिया में खंडपीठ की स्थापना केवल न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक संरचना को मजबूत करने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है।” सांसद पप्पू यादव ने कहा, “यह केवल कोसी और सीमांचल की जनता के लिए न्याय की लड़ाई नहीं है, बल्कि पूरे बिहार के लिए त्वरित और सुलभ न्याय की परिकल्पना है। पूर्णिया में खंडपीठ की स्थापना इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।”