भोजपुर: Prashant Kishore जन सुराज के सूत्रधार और पार्टी के स्टार प्रचारक प्रशांत किशोर ने मंगलवार को तरारी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों, जैसे सहार, तरारी प्रखंड की बागर, सिकरहट्टा, पनवारी, अंधारी में जनसभा कर जनता को संबोधित किया। इसके अलावा पीरो नगर परिषद के वार्ड 16 स्थित इमामबाड़ा में भी उन्होंने जन सुराज की प्रत्याशी श्रीमती किरण सिंह के समर्थन में जनसभा की। इन जनसभाओं में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे और जन सुराज के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।
प्रशांत किशोर ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, जो नेता आपके बच्चों को अनपढ़ बनाकर मजदूर बनने के लिए मजबूर कर रहे हैं, उन्हीं को अगर हम जाति, धर्म, या राजनीतिक विचारधारा के आधार पर वोट देते रहेंगे, तो यह स्थिति कभी नहीं बदलेगी। उन्होंने कहा कि बिहार के कई युवा और पुरुष अपने परिवारों को छोड़कर अन्य राज्यों में कठिनाई से मजदूरी कर रहे हैं, जबकि यहां उनकी मेहनत और श्रम का सही मूल्यांकन नहीं हो रहा। प्रशांत किशोर ने जनता को प्रेरित करते हुए कहा, अगर हम सब मिल कर अपनी स्थिति नहीं सुधारते है तो 10 प्रशांत किशोर भी आ जाएंगे, तब भी स्थिति में सुधार नहीं होगा। आगे उन्होंने कहा, जितना कूड़ा-करकट जमा हो गया है, चाहे वह माले का हो, भाजपा का हो, लालू का हो या नीतीश का, एक बार झाड़ू उठाइए और पहले इसे साफ कीजिए। तभी 2025 में एक बेहतर जनता का राज बनेगा, नहीं तो बचाने वाला कोई नहीं होगा।
- प्रशांत किशोर का सुनील पांडेय पर तीखा हमला कहा – तरारी में 70 हजार भूमिहार जाति के लोग रहते हैं, लेकिन क्या उनमें से एक भी परिवार का कोई लड़का काबिल नहीं है? उन्हें सिर्फ अपना ही लड़का योग्य क्यों मिला?
प्रशांत किशोर ने भाजपा नेता सुनील पांडेय पर हमला बोलते हुए कहा, लोग कह रहे हैं कि सुनील जी के बेटे को वोट देंगे क्योंकि वह भूमिहार जाति के हैं। तो जितने भूमिहार जाति के लोग उन्हें यहां जाति के नाम पर वोट दे रहे हैं, उनसे पूछना चाहते हैं कि मेरे भाई, तरारी में 70 हजार भूमिहार जाति के लोग रहते हैं। क्या इनमें से एक भी परिवार नहीं है जिनके लड़के में काबिलियत हो? उनको भी सिर्फ अपना ही बेटा मिला। प्रशांत किशोर ने आगे साफ कहा कि जरा अपने बेटे को खड़ा कर दीजिए और देखिए कि जाति के नाम पर आपको वोट देगा वो आदमी या नहीं। उन्होंने कहा कि लालू, नीतीश, मांझी, ये सब अकेले नहीं हैं। जो जिस जाति का नेता हैं चाहे कुशवाहा हों, पंडित हों, राजपूत हों या मुसलमान, सब अपनी और अपने बच्चे की राजनीति कर रहे हैं। जात में हम और आप फंसे हैं। इसी गरीब बिहार में नेताओं के बच्चे हेलीकॉप्टर पर चल रहे हैं और हमारे बच्चे सड़क पर चल रहे हैं और उनके पैरों में चप्पल भी नसीब नहीं है।