PURNIA: नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार बारिश होने से एवं अमौर प्रखंड क्षेत्र मे भी लागातार बारिश होने से कनकई नदी , महानंदा, परमान, दास नदी एवं महानंदा नदी में जलस्तर बढ़ जाने से निचले इलाकों में पानी फैलने लगा है. वही कनकई नदी में जलस्तर बढ जाने बाढ का भयावह स्थिति बन गया है.जिससे पानी निचले इलाके में फैल रहा है. वही सीमलबाड़ी नगरा टोल के लगभग 40 से 50 परिवार बाढ़ की चपेट में आ गया है.और सभी के घर आंगन में पानी प्रवेश कर चुका है .दो दिन से टापू जैसी जिंदगी में जीवन जी रहा है. वही अन्य पंचायतों में भी पानी प्रवेश कर रहे है. खाड़ी महीनगांव पंचायत के मीरटोला महेश वथनाह गांव में कनकई नदी का भीषण कटाव जारी है और नदी कटाव से इस गांव का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है. जिससे यहां के प्रशासन बेखबर है .समाजसेवी सरफराज अहमद, मीर महजुब आलम, गालिब , साबिर आलम, मोहन ,रवि कुमार सहित अन्य ने बताया कि कनकइ नदी का जलस्तर उफान पर है और मीरटोला महेश बथनाह गांव में कनकई नदी का भीषन कटाव शुरू हो गया है .वही लगभग 40 परिवारों के घर कटाव की जद में आ गया है. नदी कटाव की भयावह स्थिति देख गांव के लोग सहमे हुए हैं और अपने अपने आशियाने को तोड़ कर सुरक्षित स्थान की तलाश में जुट गये हैं . वही ज्ञानडोव पंचायत के सीमलबाड़ी , नगरा टोल ,सहित अन्य जगह पर कटाव तेज हो गया है. कई लोग अपना आशियाना तोड़ रहे है और अपना घर तोड़ कर उस जगह से अपना समान लेकर जा रहे है.लेकिन नदी कटाव से विस्थापित इन बेघर विस्थापित परिवारों की अभी तक न ही किसी जनप्रतिनिधि ने सुदी ली है और न ही प्रशानिक स्तर पर राहत व बचाव की दिशा में कोई पहल की गई है . कटाव पीड़ितों ने बताया कि इस गांव में अभी तक बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण विभाग द्वारा कहीं कोई कटाव निरोधक कार्य नहीं किया गया है .जो जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय उदासीनता के दशार्ता है .नदी कटाव से विस्थापित परिवार अपने अलग अलग जगह में अस्थाई रूप से शरण लिये सरकारी राहत की बाट जोह रहे हैं और खानाबदोशों की जिन्दगी गुजारने पर मजबूर हैं.वही सीमलबाड़ी नगरा टोल वार्ड नंबर के पीड़ित परिवार शमसुल हक, नौशाद आलम, शमसाद, मन्नान, आलमगीर, रकीब सहित ने बताया कि दो दिन में लगभग दर्जनों घर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है और लोग टापू मे बस चुके है आने जाने का कोई साधन नहीं है ,सब अपने अपने घर में घुसे हुए है.वही कटाव भी तेज हो गया है और मदरसा भी कटने के कगार पर है और प्रशासन बेखर है .अगर समय रहते हुए कटाव निरोधी कार्य नही किया तो मदरसा भी नदी में समा जायेगा.नदी कटाव घटना की सूचना देते हुए नदी कटाव से विस्थापित परिवरों को आपदा अनुग्रह अनुदान, भूमिहीन परिवारों को जमीन व आवास योजना का लाभ देने की मांग अमौर अंचल प्रशासन से की है . वहीं प्रभावित परिवारों ने कहा कि आज दो दिन होने को है अब तक प्रशासनिक स्तर पर कोई भी पदाधिकारी या कर्मचारी देखने नहीं पहुंचा है. अंचलाधिकारी सुधांशु मधुकर ने बताया कि बाढ़ को लेकर नजर बनी हुई है.
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