पूर्णिया, वि० सं० अरुण कु० सिंह: Purnia News 14 दिसम्बर को देशव्यापी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। यह साल का अंतिम व चौथा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन था। व्यवहार न्यायालय के प्रांगण में भी शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ सुबह के 10:30 बजे दीप प्रज्वल कर किया गया। इस मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कन्हैया जी चौधरी के अलावा जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राकेश कुमार, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश कुमार तिवारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव श्रीमती पल्लवी आनंद ने अपने-अपने उद्गार व्यक्त किए। इस लोक अदालत की दिलचस्प बात यह रही कि 71 वर्षीय बीवी संबुल और 75 वर्षीय मोहम्मद शब्बीर पोता-पोती के साथ परिवार न्यायालय में उपस्थित हुए। मामला था, भरण-पोषण का।
पत्नी ने अपने पति पर भरण-पोषण वाद दायर किया था और दोनों पति-पत्नी वर्षों से अलग रह रहे थे। परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राकेश कुमार ने वस्तु-स्थिति को देखते हुए पूरी तत्परता के साथ दोनों पक्षों को समझाया-बुझाया। परिणाम स्वरुप दोनों पति-पत्नी मान गए। दोनों आपस में गले मिले, मुस्कुराए और साथ रहने की कसमें में खाकर पोता-पोती के साथ घर के लिए विदा हुए। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में परिवार न्यायालय के कुल 9 मामलों, विभिन्न न्यायालयों में लंबित आपराधिक वाद के 435 मामलों, चेक बाउंस के 17 मामलों, निष्पादन वाद के 17 मामलों का निष्पादन किया गया। मोटर दुर्घटना बाद के 1 मामले में पीड़िता को बीमा कंपनी से 8 लाख 50 हजार रुपए देने का समझौता हुआ। श्रम वाद के 3 मामलों में 41 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। बिजली के 146 मामलों में 3 लाख 38 हजार रुपए की वसूली की गई। बीएसएनएल के 44 मामलों में 57 हजार 230 रुपए जुर्माना लगाया गया। ट्रैफिक चालान के 354 मामलों में 4 लाख 94 हजार 500 रुपए की वसूली की गई।
बैंक ऋण के 1630 मामलों में वसूली 4 करोड़ 86 लाख 86 हजार 611 रुपए की हुई, जबकि समझौता 8 करोड़ 14 लाख 71 हजार 606 रुपए की हुई। माप तौल के 2 और वन विभाग के 1 मामले समझौता के आधार पर समाप्त किए गए। इस तरह इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 2641 वादों का निष्पादन हुआ। आपको बता दें कि वादों के निष्पादन के लिए कुल 16 पीठ का गठन किया गया। प्रत्येक पीठ में न्यायाधीश के साथ पैनल अधिवक्ता भी मौजूद थे। न्यायाधीशों में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राकेश कुमार, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार सिंह, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव रंजन सहाय, तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अरविंद तथा एक्साइज कोर्ट नंबर – 2 के न्यायाधीश सतीश कुमार झा, तरहवें अपर जिला एवं सत्र बजरंग कुमार चौधरी, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमती राधा कुमारी, सब जज प्रथम प्रमोद रंजन, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी श्वेता शारदा, सदर मुंशिफ प्रभात कुमार रंजन तथा प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी क्रमशः राहुल प्रकाश, सुश्री पल्लवी, स्निग्धा, अमित कुमार, प्रदीप कुमार रवि, सुश्री सुवर्णा नारायण अपने-अपने थे।
पैनल अधिवक्ताओं में ओमप्रकाश भारती, अशोक कुमार, मनोज कुमार झा, कुश नाथ झा, कन्हैया कुमार, अनिल कुमार मिश्रा, संतशिशु कुमार चौरसिया, अखिलेश मिश्रा, प्रमिला कुमारी, नरेश कुमार, अमित कुमार, विकास राज, विमलेंद्र कुमार सिंह, ममनून आलम, मोहम्मद शफी अख्तर अपने अपने पीठ में मुस्तैदी के साथ मामलों के निष्पादन में सहयोग कर रहे थे। लोक अदालत में अच्छी खासी भीड़ थी। पक्षकारों की सुविधा के लिए जगह-जगह पांच हेल्प डेस्क बनाए गए थे। प्रत्येक पीठ में पीएलवी पक्षकारों के सहयोग, सुझाव और दिशा निर्देश के लिए तैनात थे। पीने के पानी की व्यवस्था की गई थी। विधि व्यवस्था बनाए रखने हेतु महिला व पुरुष पुलिस बल मुस्तैद थे।