PURNIA NEWS अभय कुमार सिंह : प्रखंड में एकओर जहां शिक्षकों द्वारा विद्यालय में नहीं पढाना, आकर चला जाना, इससे बच्चों की पढाई का बाधित होना आम है, परंतु वहीं कहीं-कहीं ऐसे भी विद्यालय हैं, जहां शिक्षक अपने पद के साथ कभी समझौता नहीं करते दिखाई पडते हैं तथा अपने कत्र्तब्य पथ पर अग्रसर दिखते रहते हैं । ऐसे विद्यालयों में सूई भी गिरे, तो आवाज सुनाई पडे, इतना ही नहीं अनुशासन एवं संस्कार भी साथ-साथ दिया जा रहा है । ऐसा ही विद्यालय अकबरपुर थाना क्षेत्र के भिखना गांव का प्लस टू विद्यालय है । जबकि यह विद्यालय जिस प्रकार सुदूर क्षेत्र में है, वहां अगर यहां अन्य विद्यालयों की तरह शिक्षक गायब रहते तो कोई देखनेवाला नहीं होता । इस विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था देखकर ही स्वतः शिक्षकों के प्रति श्रद्धा एवं आदर का भाव जग जाता है । सोमवार को जब इस विद्यालय की व्यवस्था को देखा गया, तब लगा कि यह विद्यालय गागर में सागर भर रहा है । हर वर्ग में शिक्षक अपनी योग्यता का परिचय दे रहे थे । कहीं, हिंदी, कहीं संस्कृत, कहीं गणित, कहीं विज्ञान, इस तरह से पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक सभी शिक्षक बच्चों को पढाते नजर आए । कम संसाधन के बीच भी शिक्षक अपने पद से कभी समझौता करते नहीं देखे गए । इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि एक कहावत यह है भी है कि लडाई सेना के जवान जरूर लडते हैं, परंतु उसमें कमांडर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । ठीक इसी तरह इस विद्यालय के प्रधान सुधेंद्र कुमार सिंह को स्वयं ऐसा कोई काम नहीं करते देखा गया, जिससे उसका बेजा फायदा उनके कनीय शिक्षक उठा सकें ।
वे समय से आधा घंटा पहले पहूंचते हैं तथा बंद होने के समय के बाद अपने घर को लौटते हैं । कुछ इसी कारण उनके सहयोगी भी समय से आते हैं तथा समय से जाते हैं, तथा उनका भरपूर सहयोग करते हैं एवं बच्चों को शिक्षा लगन से देते हैं । इस संबंध में विद्यालय प्रधान सुधेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि जैसे ही वे अपने पद की गरिमा से अन्याय करने लगेंगे, वैसे ही उनके स्वयं के बच्चे अनुशासनहीन होते चले जाएंगे । वे हमेशा ही बच्चों को किस प्रकार बेहतर शिक्षा मिले, इस संबंध में शिक्षकों से मंत्रणा करते रहते हैं । कुछ इसी कारण इस विद्यालय के बच्चे हमेशा ही अनुशासित रहे हैं । उनमें वह सारा संस्कार है, जो बच्चों में होने चाहिए । कुल मिलाकर इस तरह के विद्यालय यहां के शिक्षा व्यवस्था को जिंदा रखे हुए है, अन्यथा अब तो हर अभिभावक शिक्षकों के प्रति गलत धारणा बना लिये हैं । देखें इस विद्यालय से अन्य आसपास के विद्यालय के शिक्षक सीख लेते हैं या फिर वे अपनी ही ढर्रा पर चलते चले जाते हैं । यद्यपि विद्यालय से कुछ दूरी पर दिनभर कोचिंग चलते रहने से, यहां प्लस टू के बच्चों की उपस्थिति पर असर जरूर पडते देखा गया । इस संबंध में प्रधान सुधेंद्र कुमार सिंह से पूछने पर बताया कि कईबार कोचिंग संस्थान के प्रबंधक से स्वयं जाकर मिले तथा गुहार लगाया कि कम-से-कम विद्यालय के समय कोचिंग बंद रखा जाए, परंतु कोई सुनता नहीं है ।
कोट:
जिस भी विद्यालय के प्रधान अच्छे हैं, वहां के शिक्षक भी शिक्षा देने में कोताही नहीं बरतते हैं । हर दृष्टिकोण से प्लटू विद्यालय, भिखना की व्यवस्था निश्चित ही प्रखंड के लगभग सभी विद्यालयों से अच्छी है । इसके लिए प्रधान सुधेंद्र कुमार सिंह की जितनी तारीफ की जाए कम होगा ।अमितराज, बीपीएम, रूपौली प्रखंड ।