पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: PURNIA NEWS शिक्षा से सबकुछ हासिल किया जा सकता है, फिर मनानंद बाबू जैसे गुरू मिल जाएं,कल्याण-ही-कल्याण है। उक्त बातें मेंहदी मध्यविद्यालय के शिक्षक मनानंद कुमार के सेवानिवृत्त होने पर विदाई समारोह में बोल रही थीं। इस आयोजन की अध्यक्षता प्रभारी प्रधानाध्यापक संजीव कुमार ने किया, जबकि मंच संचालन विकासचंद्र चैरसिया ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिप सदस्य प्रतिमा सिंह, जिला शिक्षक संघ अध्यक्ष पवन कुमार जायसवाल, पैक्स अध्यक्ष कैलाश भारती आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इसके बाद बीआरसी कर्मी रतन कुमार, केआरपी राजकुमारी देवी, शिक्षक मधुसूदन ठाकुर द्वारा गाये गए विदाई गीत ने सभी को भावुक कर दिया। इसके बाद विदा ले रहे शिक्षक मनानंद बाबू को अंगवस्त्र, डायरी, कलम एवं फूलमाला देकर मुख्य अतिथि सहित सभी ने सम्मानित किया। मौके पर प्रतिमा सिंह ने कहा कि शिक्षा से सबकुछ हाशिल किया जा सकता है, असंभव को संभव भी किया जा सकता है।
फिर मनानंद बाबू जैसे गुरू मिल जाएं, कल्याण-ही-कल्याण है। मनानंद बाबू जैसे शिक्षक हमेशा ही शिक्षा की लौ जलाते रहते हैं। ऐसे लोग कभी भी सेवानिवृत्त नहीं हो सकते। ये जहां भी रहेंगे, शिक्षा का लौ जलाते रहेंगे। फिर मेंहदी जैसे अतिपिछडे क्षेत्र में उन्होंने जो शिक्षा का दीप जलाया है, वह सूर्य की तरह चमकने लगा है। आज इनके द्वारा पढाए बच्चे ना जाने कितने सरकारी, गैर सरकारी पदों पर विराजमान होकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। इसलिए कहा गया है कि भूखे पेट रहकर भी शिक्षा को हाशिल करना है तथा इसे हमेशा प्रकाशमय बनाते रहना है। शिक्षा से ही सबकुछ हाशिल किया जा सकता है। उन्होंने मनानंद बाबू के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हुए कहा कि उनके चरणों में उनका प्रणाम है, वे अपनी बाकी की जिंदगी, अपने स्वजनों के साथ स्वस्थ्य होकर गुजारें , यही उनकी भगवान से प्रार्थना है। उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वे अपने-अपने बच्चों को विद्यालय जरूर भेजें।
जिलाध्यक्ष पवन कुमार जायसवाल, पैक्स अध्यक्ष कैलाश भारती, पैक्स अध्यक्ष कैलाश मुनि, उपमुखिया सुमन कुमार, विद्यालय के शिक्षक दिनेश कुमार दिनकर, राजीव कुमार रंजन, अजीत कुमार, विपीन कुमार, जीतेंद्र कुमार, सुमित कुमार, उषा कुमारी आदि ने भी उनके कार्यकाल की चर्चा करते हुए कहा कि मनानंद बाबू महज 12 वर्षों में जो अपना छाप छोडा है, वह विरले ही किसी शिक्षक के द्वारा छोडते देखा गया है। ऐसे शिक्षकों की प्रशंसा जितनी की जाए, कम होगा। विदा हो रहे शिक्षक मनानंद बाबू ने भरे गले कहा कि ऐसा प्यार एवं स्नेह देखकर उन्हें लग रहा है कि गुरू-दक्षिणा मिल गई है। वे इनके प्यार को कभी भी नहीं भूलेंगे, वे हमेशा याद आते रहंेगे इस अवसर पर हजारो की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।