पूर्णिया: Purnia News राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा स्थानीय लोगों को मिलने वाले विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन करने के लिए जिले के पूर्णिया पूर्व प्रखंड में संचालित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, महेन्द्रपुर का 02 सदस्यीय नेशनल टीम द्वारा सोमवार से 02 दिवसीय अंकेक्षण किया जा रहा है। इस दौरान नेशनल टीम द्वारा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी लेने के साथ साथ वहां से नियमित रूप से मरीजों को मिलने वाले व्यवस्था की जानकारी ली जा रही है। अस्पताल का अंकेक्षण करने वाले 02 सदस्यीय नेशनल टीम में झारखंड से मो. शाहनवाज और पश्चिम बंगाल से डॉ उर्बी दास शामिल हैं। नेशनल टीम द्वारा अस्पताल अंकेक्षण के दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग से सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया, आरपीएम कैशर इकबाल, डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार शर्मा, डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर, सहयोगी संस्था यूनिसेफ से जिला सलाहकार शिवशेखर आनंद, पूर्णिया पूर्व प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरद कुमार, बीएचएम विभव कुमार, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, एएनएम, फार्मासिस्ट और अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।
- अस्पताल में उपलब्ध 06 विभागों से मरीजों को मिल रहे सुविधाओं की ली जा रही जानकारी :
सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समुदाय स्तर पर संचालित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए 06 स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसमें ओपीडी, आईपीडी, प्रसव कक्ष, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम, समान्य प्रशासन और लैबोटेरोरी सुविधा शामिल है। सभी स्वास्थ्य व्यवस्था द्वारा स्थानीय लोगों को आसानी से चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र महेन्द्रपुर में नियमित रूप से 24×7 स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मी उपलब्ध रहते हैं जिससे स्थानीय लोगों को जरूरत होने पर आसानी से चिकित्सकीय सहायता प्रदान किया जाता है। गंभीर पअवस्था वाले मरीजों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा फर्स्ट एड देते हुए विशेष चिकित्सकीय सहायता के लिए रेफर किया जाता है। इससे लोगों को विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रहने का लाभ मिलता है और लोग आसानी से स्वस्थ सुविधा का लाभ उठाते हैं। नेशनल एनक्यूएएस प्रमाणिकरण के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी तैयारी सुनिश्चित की गई है जिसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ सहयोगी संस्था यूनिसेफ के जिला सलाहकार शिवशेखर आनंद द्वारा आवश्यक सहयोग प्रदान किया गया है। मूल्यांकन के बाद नेशनल टीम द्वारा अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध सभी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जाएगा जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल में गुणवत्ता आश्वासन मानक का मूल्यांकन करते हुए अस्पताल को नेशनल एनक्यूएएस प्रमाणीकरण जारी किया जाएगा।
- विभिन्न विभागों द्वारा मरीजों को मिलने वाले सुविधा का नेशनल टीम द्वारा किया जा रहा मूल्यांकन :
प्रमंडलीय स्वास्थ्य प्रबंधक (आरपीएम) कैशर इकबाल ने बताया कि 02 सदस्यीय नेशनल टीम द्वारा एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए अस्पताल में संचालित विभिन्न विभागों द्वारा मरीजों को मिलने वाले सुविधा की जानकारी ली जा रही है। इसमें ओपीडी में विभिन्न बीमारियों का उपचार के लिए उपलब्ध मरीजों के लिए उपस्थित चिकित्सकीय सुविधा, जांच केंद्र, गंभीर मरीजों को मिलने वाले फर्स्ट एड सुविधा, प्वाइजन ग्रसित मरीजों के लिए उपचार सुविधा, मेडिसिन आदि की जानकारी ली गई। इसके साथ साथ अस्पताल में चिकित्सकीय सहायता के लिए आने वाले गर्भवती महिलाओं के लिए जांच सुविधा, लेबर रूम में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए उपलब्ध सुविधा, प्रसव के बाद महिलाओं और नवजात शिशु के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधा, प्रसव के बाद सामान्य जांच और उपचार व्यवस्था आदि की जानकारी अस्पताल में कार्यरत एएनएम और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से ली गई। सभी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मरीजों को अस्पताल से मिलने वाले सुविधाओं की जानकारी दी गई जिसे नेशनल टीम द्वारा एकत्रित किया जा रहा है।
- मार्च 2024 में महेन्द्रपुर अस्पताल को दिया गया है राज्य स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणपत्र :
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरद कुमार ने बताया कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र महेन्द्रपुर द्वारा स्थानीय लोगों को सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा नियमित रूप से उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को राज्य एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया गया है। बिहार राज्य में अतिरिक्त अस्पताल में राज्य स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाला अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहला अस्पताल है जिसे मार्च 2024 में यह प्रमाणीकरण दिया गया है। इसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को नेशनल प्रमाणीकरण के लिए आवेदन किया गया था जिसके लिए नेशनल टीम द्वारा 09 और 10 दिसंबर को अस्पताल का दो दिवसीय मूल्यांकन किया जा रहा है।
- नेशनल एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के पश्चात अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी सहयोग राशि :
डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि सरकारी अस्पतालों से मरीजों को मिलने वाले स्वास्थ्य सुविधाओं की मूल्यांकन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणीकरण सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके अंतर्गत सभी अस्पतालों में मरीजों के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य स्वास्थ्य विभाग को मूल्यांकन के लिए आवेदन किया जाता है। इसके बाद राज्य स्तरीय स्वास्थ्य टीम द्वारा अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का मूल्यांकन करते हुए अस्पताल को अंक प्रदान किया जाता है। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित अस्पताल को 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त होने और राज्य एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी होने के बाद उसे नेशनल स्वास्थ्य विभाग को अंकेक्षण के लिए आवेदन दिया जाता है। उसके बाद नेशनल टीम द्वारा अस्पताल का मूल्यांकन किया जाता है। नेशनल टीम द्वारा भी अस्पताल को 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त होने पर अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। नेशनल एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित अस्पताल को अगले 03 साल तक अस्पताल गुणवत्ता जारी रखने के लिए सहयोग राशि उपलब्ध कराई जाएगी।