पूर्णिया: PURNIA NEWS क्यूलेक्स मादा मच्छर द्वारा फाइलेरिया ग्रसित मरीजों के काटने के बाद सामान्य व्यक्ति को काटने पर कोई भी व्यक्ति फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। संबंधित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित होने की जानकारी 5 से 10 साल बाद पता चलता है। जब संबंधित व्यक्ति के फाइलेरिया ग्रसित अंगों में लगातार सूजन होने लगता है। फाइलेरिया ग्रसित होने पर सम्बंधित व्यक्ति के हाथ, पैर, महिलाओं के स्तन या पुरुषों के हाइड्रोसील में सूजन होने लगता है। हाथ, पैर या महिलाओं के स्तन फाइलेरिया ग्रसित होने पर उसका सम्पूर्ण इलाज नहीं किया जा सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को नियंत्रित रखने के लिए नियमित रूप से आवश्यक चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाती है। लेकिन हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सकीय उपचार करते हुए स्वस्थ किया जा सकता है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध है जिसका संबंधित व्यक्ति द्वारा लाभ उठाया जा सकता है। जिलाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की जानकारी पहचान होने पर चिकित्सकीय सहायता प्रदान करते हुए हाइड्रोसील फाइलेरिया से सुरक्षित करने का निर्देश दिया गया है। जिले के सभी प्रखंडों में ग्रसित मरीजों द्वारा नजदीकी अस्पताल में जांच करते हुए उपचार सुविधा का लाभ उठाना चाहिए।
- ऑपरेशन कराते हुए हाइड्रोसील फाइलेरिया से सुरक्षित हो सकते हैं मरीज :
सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने कहा कि फाइलेरिया कीटाणु का लार्वा संबंधित व्यक्ति के अंग में तरल पदार्थ के रूप में जमा होने पर संबंधित अंग फाइलेरिया ग्रसित हो जाता है। हाथ, पैर या महिलाओं के स्तन में फाइलेरिया कीटाणु का लार्वा एक स्थान पर नियंत्रित नहीं रहता है। इस कारण संबंधित अंग में फाइलेरिया कीटाणु लार्वा की पहचान करते हुए इसे नष्ट नहीं किया जा सकता है। लेकिन पुरुषों के हाइड्रोसील में फाइलेरिया कीटाणु के लार्वा की पहचान आसानी से हो सकती है जिसे ऑपरेशन द्वारा अंडकोश से नष्ट किया जा सकता है। लगातार हाइड्रोसील में सूजन होना फाइलेरिया ग्रसित होने का कारण हो सकता है। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की जांच सुविधा उपलब्ध है। जांच में हाइड्रोसील ग्रसित पाए जाने पर संबंधित मरीजों को ऑपरेशन द्वारा उपचार सुविधा उपलब्ध हो कराई जाती है। ऑपरेशन के बाद संबंधित व्यक्ति हाइड्रोसील फाइलेरिया से सुरक्षित होते हुए अपना सामान्य जीवनयापन का लाभ उठा सकते हैं।
- जिले में वर्ष 2024 के दौरान जनवरी से 15 दिसंबर तक 159 हाइड्रोसील मरीजों का हुआ है ऑपरेशन :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों और चिन्हित प्राइवेट अस्पतालों में प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित मरीजों के लिए ऑपरेशन सुविधा उपलब्ध रहती है। हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित मरीजों द्वारा किसी भी अस्पताल से ऑपरेशन सुविधा का लाभ उठाते हुए हाइड्रोसील फाइलेरिया से सुरक्षित हो सकते हैं। चिकित्सकों द्वारा ऑपरेशन करते हुए हाइड्रोसील में उपलब्ध फाइलेरिया कीटाणु को नष्ट कर दिया जाता है। इससे संबंधित व्यक्ति के हाइड्रोसील में होने वाले सूजन से छुटकारा मिल जाता है और संबंधित व्यक्ति हाइड्रोसील फाइलेरिया से सुरक्षित हो जाते हैं। डॉ मंडल ने बताया कि जिले में जिले में वर्ष 2024 में जनवरी से 15 दिसंबर तक 159 हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ऑपरेशन सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसमें राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) पूर्णिया में 44 मरीजों, सभी प्रखंड स्वास्थ्य अस्पतालों में 63 मरीजों और चिन्हित प्राइवेट अस्पतालों में 52 मरीजों द्वारा ऑपरेशन कराते हुए हाइड्रोसील फाइलेरिया का उपचार सुनिश्चित किया गया है। उपचार के बाद संबंधित व्यक्ति हाइड्रोसील फाइलेरिया से सुरक्षित होकर अपने सामान्य जीवन का लाभ उठा रहे हैं। डॉ मंडल ने कहा कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में हाइड्रोसील फाइलेरिया मरीजों के लिए ऑपरेशन सुविधा निःशुक्ल उपलब्ध कराई जाती है। हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित होने पर मरीजों द्वारा नजदीकी सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन सुविधा का लाभ उठाते हुए हाइड्रोसील फाइलेरिया से सुरक्षित होने का लाभ उठाना चाहिए।