पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: Purnia News दियारा इलाका दो थानों को सीधा जोडने वाले डुमरी घाट पर आजतक पुल नहीं बनने से लगभग 50 हजार लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है, स्थिति ऐसी है कि आवागमन तो बाधित होता ही है, साथही पुल के अभाव में यहां के किसान अपनी खेती ठीक से नहीं कर पाते हैं। यहां के दोनों ओर के किसानों का दोनों ओर खेती की जमीन है, वे तबतक इसपार से उसपार नहीं हो पाते हैं, जबतक कि पानी इतना नहीं घट जाता है कि ट्रेक्टर आर-पार हो सके। इस नदी के पूर्वी पार में टीकापटी थाना क्षेत्र का डुमरी, सपाहा, पुरानी नंदगोला, आश्रमटोला है, जबकि पष्चिम-दक्षिण पार में दियारा क्षेत्र है। यह इलाका मोहनपुर ओपी क्षेत्र से जूडा हुआ है। इस घाट से प्रतिदिन सैकडो लोगों का आवागमन नाव या चचरी के द्वारा होता रहता है। बाढ के दिनों में तो यह पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है।
इस घाट के दोनों ओर पक्की सडकें बन चूकी हैं, परंतु पुल के अभाव में लोगों का विकास ठप्प पडा हुआ है। जब भी यहां चुनाव आता है, यहां चुनाव लडनेवाले हरबार वादा करके चले जाते हैं, परंतु उसके बाद भूल जाते हैं। यहां के लोगों की जमीन प्रायः दियारा क्षेत्र में है। नवंबर माह में वे पानी घटने पर आवागमन के लिए किसी प्रकार चचरी पुल तो बना लेते हैं, परंतु खेती करने के लिए वे ट्रेक्टर या हल-बैल नहीं ले जा पाते। इसी कारण उन्हें पानी घटने का इंतजार करना पडता है। दिसंबर माह में पानी जब जांघभर के आसपास आता है तब वे अपनी खेती कर पाते हैं। दूसरी ओर पुल नहीं रहने के कारण इस क्षेत्र में शादी-व्याह भी लोगों की ब-मुश्किल हो पाती है।
दियारा क्षेत्र के बच्चों को दियारा में मिडल स्कूल, हाई स्कूल नहीं होने से भी भारी परेशानी झेलनी पडती है। सामाजिक कार्यकत्र्ता सह पैक्स अध्यक्ष कैलाश भारती, सामाजिक कार्यकत्र्ता मयंक कुमार, सखीचंद मंडल, वार्ड सदस्य विनोद यादव, माता प्रसाद भारती आदि ने विधायक शंकर सिंह से इस डुमरी घाट पर पुल बनाने की मांग की है। शंकर सिंह विधायक बनने से पूर्व इस पुल को बनवाने का आश्वासन दिया था, उन्होंने उन्हें जीता दिया, अब वादा निभाने की उनकी बारी है। देखें इस महत्वपूर्ण मानेजानेवाले डुमरी धाट पर पुल कबतक बनता है।