PURNIA NEWS आनंद यादुका: रामलाल महाविद्यालय माधव नगर भवानीपुर के संस्थापक रामलाल सिंह यादव उनकी धर्मपत्नी रासमणि देवी एवं पुत्र धमदाहा विधानसभा के पूर्व विधायक सूर्य नारायण सिंह यादव के महाविद्यालय परिसर में स्मारक में स्थापित मूर्ति का अनावरण पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति डां. प्रोफेसर पवन कुमार झा के घर कमलों द्वारा बुधवार को किया गया l कुलपति प्रोफेसर झा मैं उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए दीया जलाकर घर के अंधेरा को दूर किया जाता है रामलाल बाबू ने सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में महाविद्यालय की स्थापना कर शिक्षा रूपी दिया जलाकर लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाकर शिक्षित करने का काम किया है l उन्होंने कहा उनके इस पुनीत कार्य के लिए हमेशा समाज के उन्हें याद रखेंगे l सन 1973 में सिद्धांत दिया था जब किसी चीज का उदाहरण के लिए बस स्टैंड बनता है तो चाय की छोटी-छोटी दुकान खुलता है इसके बाद धीरे-धीरे बाजार लगने लगता है जब महाविद्यालय का स्थापना हुआ तो धीरे-धीरे इस क्षेत्र का विकास होने लगा l महाविद्यालय की स्थापना से क्षेत्र में विकास की किरण का उदय हुआ l उन्होंने कहा महाविद्यालय की स्थापना के साथ है किस क्षेत्र के लोगों का विचार बदलने लगा और शिक्षा के ओर ध्यान आकर्षित होने लगा l खासकर बच्चिया का इस महाविद्यालय के खुलने से काफी विकास हुआ है l पढ़ाई एक ऐसी व्यवस्था है l पढ़ाई एक ऐसा चीज है ना गरीब का है ना अमीर का है जो सच-सच पढेगा वही आगे बढ़ेगा l मैं भी एक साधारण किसान का बेटा हूं हम लोग इस बात को समझ लिए की इंटर के बाद पढ़ना होगा और हम लोगों ने पढ़ाई पर ध्यान दिया जिससे आज मैं इस मुकाम पर पहुंचा हूं l आज इस बनता है कुली का बेटा किसान का बेटा मजदूर का बेटा बिहार इस मामले में अब्बल रहा है l
10 साल से हम लोग भटकते जा रहे हैं l इस पर मेहनत की जरूरत है मेहनत की रास्ता सुगम होता है l इस तरह महाविद्यालय इस विद्यालय को सजाने और संवारने का काम उनके पुत्र सूर्य नारायण बाबू का अहम भूमिका रही l उन्होंने हमेशा महाविद्यालय की विकास के लिए सतत प्रयास किया जिनके परिणाम आज सामने है l प्राचार्य डॉक्टर मुहम्मद कमाल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा धमदाहा विधानसभा क्षेत्र के इकलौता यह महाविद्यालय रामलाल बाबू की हिमालय से भी उची सोच महानगरी पूर्णिया एवं भागलपुर से सुदूर ग्राम चल जहां बहु संख्या में अत्यंत पीछरे अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब आम जनों को दो वक्त की रोटी के लिए अंतहीन लड़ाई लड़ते रहे और हारते रहे जहां के बेपनाह बच्चे पर्याप्त प्रतिभा होते हुए भी अपने महत्व तथा अपनी महत्वाकांक्षा अपनी कल्पना से भरी हुई जिंदगी की लड़ाई कर रह जाती थी उन बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए अंधेरे इलाके में उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में महाविद्यालय की स्थापना कर रामलाल बापू के महान त्याग और आत्म बलिदान के प्रतिगत करता है l रामलाल बाबू के छोटे पुत्र दो शिवनारायण यादव एवं उनके पोत्र संजय कुमार अन्य वक्ताओं ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किया l जबकि मंच संचालन डॉक्टर गजाधर प्रसाद यादव एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉक्टर मुहम्मद कमाल ने किया l कार्यक्रम की शुरुआत श्रुति, शिवानी एवं कोशिकी द्वारा स्वागत गान से शुरू किया गया उनका बोल था आज आनंद वर्षा है प्रांगण में कुलगीत पूर्ण करने की धरती पर l