पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: PURNIA NEWS बुधवार की शाम हुई असमय आंधी-बारिश ने यहां के किसानों के साथ क्रूर मजाक कर डाला है तथा सिर मुड़ाते ही ओले पड़ने वाली कहावत चरितार्थ कर गयी है। यह बता दें कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान को धता बताते हुए, अचानक बुधवार की शाम आंधी-बारिश आ गई, जिसने किसानों के उपर वज्रपात हो गया है। यहां की खेतों में सैकड़ों एकड़ में लगी आलू की फसल पूरी तरह से जलमग्न हो गई, यूं कहे कि सबकुछ खत्म हो गया है।
आलू का बीज तीन हजार रूपये क्विंटल, 1800 रूपये डीएपी, 2000 में पोटाश, 1700 में एनपीके, 350 में यूरिया आदि खाद खरीदकर लगाई गई आलू की फसल पूरी तरह से चैपट हो गई है। किसानों में हाहाकार मचा हुआ है, उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि वे करें, तो क्या करें? ठीक इसी तरह बाढ से बची हुई धान की कटनी तेज गति से शुरू हो गई थी, परंतु इस वर्षा ने किसानों के पके हुए धान को पूरी तरह से डूबो दिया है।
अब किसान इन फसलों को बचाने के लिए जी-तोड मेहनत कर रहे हैं, परंतु मौसम विभाग जिस प्रकार 27 अक्तूबर तक बारिश की संभावना की बात कह रहा है, उस परिस्थिति में किसानों का कुछ नहीं बचेगा। एक तो उनकी मंहगी फसल तो चैपट हो ही गई, अब रबी फसल की बुआई भी बाधित हो गई है। क्षेत्र का मुआयना करने के बाद विधायक शंकर सिंह ने सरकार से यहां के किसानों की इस आंधी-बारिश से क्षति हुई आलू एवं बचे हुए धान की फसल की क्षति का मुआवजा देने की मांग की है।