पूर्णिया : शिक्षक आज भी अपने दायित्व के प्रति संवेदनहीन बने हुए हैं तथा उनकी लगभग आधी संख्या अनुपस्थित रह रही है। ऐसा नज़ारा मंगलवार को प्राथमिक विद्यालय, बड़ी शिशवा एवं इसी विद्यालय में संचालित प्राथमिक विद्यालय, सैरातोला में पदस्थापित शिक्षकों की उपस्थिति को देखकर दिखा।
इस विद्यालय में प्रार्थना के समय तक सैरातोला में पदस्थापित पाँच शिक्षकों में तीन शिक्षक गायब थे, जबकि बड़ी शिशवा में पदस्थापित छः शिक्षकों में से दो शिक्षक गायब दिखे। मौके पर प्राथमिक विद्यालय के प्रधान सुमित कुमार ने बताया कि उनके विद्यालय में सैरातोला प्राथमिक विद्यालय भी चलता है। उनके विद्यालय में छः एवं सैरातोला में पाँच शिक्षक कार्यरत हैं।
प्रार्थना के समय तक उनके विद्यालय में चार एवं सैरातोला के दो शिक्षक मौजूद हैं। उनके विद्यालय के एक शिक्षक छुट्टी में गए हैं, एक अभी तक नहीं आए हैं। दूसरी ओर ग्रामीणों ने बताया कि जब से यहाँ के स्थायी बीईओ संजय कुमार सिंह रिटायर्ड हो गए हैं, तबसे यहाँ की शिक्षा व्यवस्था बद-से-बदतर हो गई है।
ऐसा लगता है कि शिक्षकों पर किसी का अंकुश ही नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय की दुर्दशा है कि ग्यारह शिक्षक होने के बाद भी यहाँ पढ़ाई ना के बराबर होती है। एक तो लगभग आधी संख्या में शिक्षक अनुपस्थित ही रहते हैं, दूसरी ओर अगर आते भी हैं तो वे पढ़ाने की बजाय, गप्प मारने में लगे रहते हैं।
साथ ही इस विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के कमरा भी उपलब्ध नहीं है, जिससे बच्चों को समुचित शिक्षा नहीं मिल पाती है। कुल मिलाकर यहाँ के शिक्षक भले ही शिक्षा अपर मुख्य सचिव केके पाठक को कोसते रहते हैं, परंतु वे अपनी जवाबदेही के प्रति कभी भी संवेदनशील नहीं दिख रहे हैं।
यहाँ की शिक्षा व्यवस्था काफ़ी लचर हो गई है, जिसमें सुधार की दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही है। देखें इस पर प्रशासन क्या कदम उठाता है। इधर इस संबंध में जब प्रभारी बीईओ से संपर्क साधने का प्रयास किया गया, तब घंटी होती रही, परंतु उनके द्वारा रिसीव नहीं किया गया।