पूर्णिया/रूपौली/अभय कुमार सिंह : हमेशा दीर्घायु होने का आशीष भी काम नहीं आया, भगवान ने उन्हें कठोर सजा दी है । पिता मनोज मिस्त्री एवं मां बबीता देवी एकलौते पुत्र आशीष से लिपटकर चित्कार कर रहे थे ।
जबकि आशीष की पत्नी बेबी देवी, जिसकी शादी के एकसाल भी पूरे नहीं हुए हैं, वह तो निर्जीव-सी एक कोने में पागलों जैसी बस अपने पति के शव को निहारे जा रही थी, ऐसा लग रहा था कि उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उसके पति अब इस दुनिया में नहीं रहे ।
माता-पिता ने रोते हुए कहा कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका अपनु पुत्र आशीष कुमार को दिया गया आशीष, खाली जाएगा तथा उसकी नजरों के सामने उसका पुत्र उन्हें छोड़कर सदा के लिए चला जाएगा ।
पत्नी बेबी देवी की शादी पिछले साल ही बडे धूमधाम से आशीष के साथ हुई थी, दांपत्य जीवन का उन्होंने अभी शुभारंभ ही किया था, पता नहीं किसकी नजर लग गई, देखते-देखते उसका सुहाग उजड गया । कुल मिलाकर इस घटना से पूरा गांव शोक में है तथा भगवान से यही प्रार्थना कर रहे थे कि ऐसा दुख किसी को नहीं दें ।