सहरसा/अजय कुमार : मिथिला मैथिली के शीर्षस्थ प्रतिनिधि एवं मानक सांस्कृतिक संस्था चेतना समिति इसी महीने 20 मार्च को विद्यापति भवन पटना में पहली विदुषी उभय भारती जयंती समारोह आयोजित की जाएगी।जिसमें मिथिला के विदुषीयों के शैक्षणिक साथ ही साथ दार्शनिक अवदानों को रेखांकित करने का दूरदर्शी पहल किया है।
इस समारोह में विभिन्न स्थानों से विद्वानों को आमंत्रित किया गया है। जिन वक्ताओं को शामिल किया गया है।जिसमे भारत सरकार के पुरातत्व विभाग पूर्वी क्षेत्र के पूर्व निदेशक एवं वर्तमान में हेरिटेज सेल कोलकाता के निदेशक डॉ फणिकांत मिश्र, केंद्रीय विश्वविद्यालय पूरी के प्रो.डा उदय नाथ झा ‘अशोक’, केंद्रीय विश्वविद्यालय पूरी के प्रो डा गौरीप्रिया दास, मिथिला एवं मैथिल शिक्षाविद दिलीप कुमार चौधरी महिषी एवं प्रमील मिश्र का नाम उल्लेखनीय है।
चेतना समिति के अध्यक्ष निशा मदन झा ने बताया कि चेतना समिति द्वारा मिथिला मैथिली के शीर्षस्थ 22 महापुरुषों की जयंती समारोह आयोजित किया जाता है।पहली बार महिला विदुषी उभय भारती का फाल्गुन कृष्ण एकादशी दिन 20 मार्च को मनाया जाएगा।उन्होंने कहा कि जब पाश्चात्य देश महिलाओ के हक व अधिकार के लिए आवाज उठाई जा रही थी।
उस समय महिषी में आचार्य मंडन मिश्र और आदि शंकराचार्य के बीच हुए शास्त्रार्थ में उभय भारती ने जज के रुप में निर्णायक की भूमिका का निर्वाहन कर समुचित न्याय किया।वही पराजित मंडन मिश्र को अपने ज्ञान व तर्क से शंकराचार्य को पराजित किया।
उन्होंने कहा कि मिथिला सदियों से ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में रही है। विदुषी उभय भारती विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक पं मंडन मिश्र की धर्मपत्नी है।इस समारोह के आयोजन पर शिक्षाविद दिलीप कुमार चौधरी एवं प्रमील मिश्र ने चेतना समिति के सभी सदस्यों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा चेतना समिति के इस निर्णय से मिथिला में हर्ष का माहौल है। साथ ही आम जनों से समारोह में अधिकाधिक संख्या मे शामिल होने की अपील की।