अजय कुमार : सिमरी बख्तियारपुर/सहरसा: SAHARSA NEWS अनुमंडल के बनमा ईटहरी प्रखंड के मनरेगा कार्यालय पर बुधवार को काम मांगने पहुंचे जमालनगर पंचायत के करीब आधे दर्जन मजदूरों ने मनरेगा कार्यालय को बंद देखकर आक्रोशित होकर कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और कार्यालय से अनुपस्थित मनरेगा कर्मी के विरोध में लिखित आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी को देकर उचित कार्यवाही की मांग की। जमालनगर पंचायत के लालपुर गांव निवासी प्रदर्शनकारी मजदूर सुमित्रा देवी, इंदु देवी, अखिलेश कुमार, हरदेव पासवान, उमेश प्रसाद भगत, गौतम कुमार, नीतू कुमारी ने बताया कि नौ माह पूर्व पंचायत रोजगार सेवक ब्रजेश कुमार से 82 मजदुरों द्वारा काम मांगा गया था और कुछ नए मजदूरों का जॉब कार्ड बनाने को कहा गया। लंबे समय बीतने के बाद जब मजदूर को काम नहीं मिला तो बुधवार को प्रखंड कार्यालय पहुंच गए। लेकिन कार्यालय में ताला बंद देखकर भड़क कर विरोध प्रदर्शन करने लगे।मजदूरों ने बीडीओ को पीआरएस और पीओ के विरोध में लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की।
आवेदन में कहा है कि जन जागरण शक्ति संगठन की ओर से 82 मजदूरों को काम देने के लिए मार्च 2024 को आवेदन पीआरएस को दिया था। लेकिन 9 माह बीतने के बाद न तो मजदूरों को काम दिया गया न ही नई जॉब कार्ड बनाया गया। जिसकी शिकायत कार्यक्रम पदाधिकारी बनमा ईटहरी से भी किया गया था। लेकिन पीओ द्वारा टाल मटोल किया जाता रहा। ग्रामीण क्षेत्र के मजदूर होने के कारण मजदूर प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाकर वापस चला जाता है। क्योंकि हर दिन मनरेगा कार्यालय बंद रहता है। मनरेगा का कार्यालय जिला मुख्यालय स्थित बंफर चौक पर चलाया जाता है। जहां योजना के संलिप्त बिचौलिए ही पहुच पाते हैं। आम मजदूर को पहुंचना टेठी खीर है।चुकी एक व्यक्ति को जिला पहुंचने में करीब डेढ़ सौ रुपए किराए पर खर्च होता है। जो सभी के लिए संभव नहीं है।