सहरसा/अजय कुमार : प्रिंसिपल कंट्रोलर ऑफ़ डिफेंस एकाउंट्स पेंशन प्रयागराज का दो दिवसीय आउटरीच कैंप कोसी कमिश्नरी मुख्यालय सहरसा में तय हुआ है । आजादी के बाद यह पहला ऐसा कैंप कोसी सीमांचल या पूरे उत्तर बिहार में कहीं होगाl
यह कैंप दिनांक 21 मार्च बृहस्पतिवार एवं 22 मार्च शुक्रवार को राधा देवी विवाह भवन रक्त काली मंदिर मत्स्यगंधा में होना है।इस कैंप में प्रधान नियंत्रक रक्षा लेखा प्रयागराज स्वयं अपने दोआईडीएएस अधिकारी 12 सदस्यों टीम के साथ मौजूद रहेंगे।पूर्व सैनिक संघ के जिलाध्यक्ष ने बताया कि पीसीडीए प्रयागराज उक्त तिथि को कोसी की धरती सहरसा से ही अपने कार्यों का संचालन करेंगे।
साथ ही कोसी- सीमांचल सहित पूरे बिहार के सभी पूर्व सैनिकों वीर नारियों का पेंशन, स्पर्श, डिसेबिलिटी पेंशन, ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र, पेंशन बढ़ोतरी सहित हर समस्या का तत्काल समाधान करेंगे। साथ ही पूर्व सैनिक परिवारों को संबोधित/संवाद कर हर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी देंगे।श्री झा ने बताया कि पीसीडीए पेंशन प्रयागराज देश की इकलौती संस्था है। जो डिफेंस पेंशनर्स के हितों का ख्याल रखती है तथा सेवानिवृत्ति पश्चात वेतन,पारिवारिक पैंशन, भत्ता, डीए,बच्चों के लिए शिक्षा भत्ता, मेडिकल भत्ता, युद्ध विकलांग भत्ता, सहायता आदि का भुगतान तथा लेखा-जोखा रखती है।
यह संस्था सेना के तीनों अंगों के रिकॉर्ड से जुड़े होते हैं। किसी भी तरह की समस्या पेंशनरों को आने पर सहायता भी करती है।ज्ञात हो की रक्षा लेखा नियंत्रक पहले डिफेंस पेंशनरों को पेंशन बैंक (सीपीपीसी) के माध्यम से देती थी। पेंशनरों को अपने पेंशन के लिए बैंक पर ही निर्भर रहना पड़ता था। और वहीं अपना जीवन प्रमाण पत्र देना होता था। मगर केंद्र सरकार द्वारा व्यवस्था परिवर्तन करते हुए बैंक की जिम्मेदारी खत्म कर रक्षा मंत्रालय ने रक्षा लेखा नियंत्रक को अपने हाथ में लेने को मंजूरी दी तथा पिछले तीन वर्षों से यह प्रक्रिया चल रहा है। इस प्रक्रिया के तहत एक अभियान जिसका नाम स्पर्श रखा गया है। इसे पूरी तरह डिजिटलाइज कर दिया गया है।
इस ऐप में पेंशनरों के सर्विस रिकॉर्ड होते हैं तथा इसी पर अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र भी देना होता है। ऐसा बैंकों द्वारा पेंशन भुगतान में मनमाना रवैया एवं शिकायतों की भरमार होने पर निर्णय लिया गया है। अब चुकी अधिकांश पेंशनर वीर नारियां डिजिटल कंप्यूटर ज्ञान से वंचित है अतः शुरुआत में काफी परेशानियां आ रही है।स्पर्ष एप में आए हुए सुझाव से संशोधन किया जा रहा है जिसका जिम्मा देश की प्रसिद्ध आईटी कंपनी टीसीएस के पास है।
यह आउटरीच कैंप पैंशनरों को आए बदलाव एवं ऑनलाइन जानकारी में प्रशिक्षण के अलावा पेंशनरों के किसी भी तरह की समस्या को तत्काल समाधान करते हुए राहत देने का कार्य करेगा तथा गलतफहमी अफवाहों से भी निजात दिलाएगा।पूर्व सैनिक सेवा परिषद कोसी सीमांचल के प्रांत प्रभारी गोपाल मिश्रा ने इस क्षेत्र के पेंशनरों की भारी समस्या को देखते हुए पीसीडीए महोदय को ईमेल द्वारा इस अति पिछडे क्षेत्र में कैंप लगाने हेतु निवेदन दिया था। जिसे अब पीसीडीए कल्याण पदाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने फोन पर बधाई देते हुए उपरोक्त तारीख को कैंप सहरसा में लगाने की पुष्टि की।
इसे सभी पेंशनरों के संज्ञान तथा सूचना में लाने को कहा प्रांत प्रभारी ने कहा कि इस कैंप मैं पूरे बिहार के कोई भी डिफेंस पेंशनर अपने समस्याओं के समाधान के साक्ष्य में सारे कागजात व आधार कार्ड एवं अन्य जरूरी प्रमाण पत्र को प्रस्तुत कर समाधान प्राप्त कर सकता है। इसका संपूर्ण लाभ लेने के लिये सभी को सशरीर मौजूद होना आवश्यक है। इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है। पूर्व सैनिक सेवा परिषद डिफेंस पेंशनरों को होने वाली समस्या को सशक्त संगठन के माध्यम से जनकल्याण में बिना किसी लाभ के स्वैच्छिक सेवा साहस व सम्मान दिलाने का कार्य करने वाली इकलौती संगठन है।
जो कोसी सीमांचल के पूर्व सैनिकों, वीर नारियों को केंद्र व राज्य सरकार की अनदेखी से निजात दिलाने तथा सभी मूलभूत सुविधाएं (जिला सैनिक कल्याण कार्यालय, कैंटीन एवं ईसीएचएस पालीक्लीनिक) को बहाल करवाने के लिए कृत संकल्पित है।इस ऐतिहासिक सहरसा कैंप मेजर अमित प्रियदर्शी के नेतृत्व में अध्यक्ष प्रवीण कुमार झा के कंधे पर सफल आयोजन कराने की जिम्मेदारी दी गयी है। अपील कर कोसी सीमांचल के डिफेंस पेंशनरों को बढ चढ कर भाग लेने और संगठित होकर संघर्ष में सहयोग करने का आह्वान किया है।