पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन तभी सार्थक होगा, जबतक शिक्षा उपनिदेशक के के पाठक जैसे लोगों का सम्मान किया जाए। उक्त बातें नाढा चकला प्राथमिक विद्यालय के प्रधान धनंजय कुमार जायसवाल ने स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के अवसर पर तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन तभी सार्थक होगा, जबतक शिक्षा उपनिदेशक के के पाठक जैसे लोगों का सम्मान किया जाए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शासनकाल में जिस प्रकार शिक्षा को बेहतर दिशा में कदम उठाए, वह काबिले तारिफ है, परंतु जो कार्य शिक्षा उपनिदेशक के के पाठक ने इस क्षेत्र में कर दिखाया है, वह सोने में सुहागा का काम जैसा है। चाहे वह शिक्षकों की नियुक्ति हो, या फिर पढन-पाठन का मामला हो, बहुत ही बेहतरीन नतीजे आए हैं।
आज लगभग शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लौट आयी है। यद्यपि उन्हें हटाने के लिए शिक्षक से लेकर तथाकथित विरोधी लगे हुए हैं, ताकि उनकी मनमानी चलती रहे तथा यहां की शिक्षा व्यवस्था फिर से पुराने ढर्रे पर लौटे, परंतु उनकी दाल नहीं गल रही है। उन्होंने के के पाठक के हर कदम का स्वागत करते हुए कहा कि कलतक जो शिक्षक बिना विद्यालय गए, दबंगता के बल पर हस्ताक्षर बना लेते थे, आज निश्चित रूप से उन्हें नौ बजे से पांच बजे तक विद्यालय में रहना पड रहा है। अब ऐसे शिक्षकों की कहीं कोई पैरवी नहीं सुनी जा रही है। अगर वे इस पद पर अपने तीन साल कार्यकाल पूरा कर लिया, तो निश्चित ही यह बिहार की शिक्षा व्यवस्था के लिए स्वर्णिम काल के लिए जाना जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इनके कार्यकाल तक इनके पद पर रहने देने की अपील की है।
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