सहरसा/अजय कुमार : बीएनएमयू प्रेक्षागृह में कुलाधिपति सह राज्यपाल की अध्यक्षता में संपन्न 24 वें वार्षिक सीनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गंभीर चिंतन मनन हुआ।लगातार शिक्षक,छात्र कर्मचारियों की मांगों पर मुखर रहे कैप्टन गौतम कुमार ने सदन में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को उठाया।
अनुदानित कॉलेजों के शिक्षकों के अधिकार को लम्बे समय से उठाने वाले कैप्टन गौतम ने कुलाधिपति सह राज्यपाल के सामने आंशिक अनुदान की जगह सम्मानजनक वेतन की मांग करते हुए कहा कि अनुदानित कॉलेजों के शिक्षकों को अनुदान के जगह वेतन की गारंटी होनी चाहिए जिससे उनके जीवन में भी खुशहाली आए।अनुदान इतना अल्प होता है कि उससे जीवनयापन मुश्किल सा होता है।
वहीं कैप्टन गौतम ने शोध कार्य को गति देने के लिए अर्हता पूरी करने अनुदानित कॉलेजों के शिक्षकों को भी शोध कार्य की जवाबदेही देने की मांग उठाई जिससे अधिक से अधिक शोध कार्य संपन्न होंगे और शिक्षकों की कमी भी दूर होगी।
सीनेट बैठक में गौतम कुमार ने बीएनएमयू में पीटीआई के खाली पदों पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि इसका बड़ा खामियाजा बीएनएमयू को इंटर कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी में खेल में लचर व्यवस्था से चुकाना पड़ रहा है।कभी विभिन्न खेलों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाला बीएनएमयू आज सबसे निचले पायदान पर है।
पीटीआई के खाली पदों को भरने की पहल होनी चाहिए जिससे अविलंब खेल में भी बीएनएमयू अलग मुकाम हासिल करे।बीएनएमयू के 24 वें सीनेट में भाग ले रहे कैप्टन गौतम ने कहा कि यह बीएनएमयू इतिहास का अहम सीनेट है क्योंकि इसमें पहली बार कुलाधिपति सीनेट की अध्यक्षता कर रहे हैं।यह बैठक बीएनएमयू को आगे ले जाने वाला और बदलाव की दिशा देने वाला साबित हो यही कामना है।