- 10 फरवरी से सभी प्रखंडों में चलाया जाएगा एमडीए कार्यक्रम
- फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए सभी लोगों को खिलाया जाएगा डीईसी व एल्बेंडाजोल
- फाइलेरिया मरीजों द्वारा लोगों को दवा सेवन के लिए किया जा रहा जागरूक
कटिहार: फाइलेरिया (हाथी पांव) जैसी बीमारियों से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रखंड के अधिकारियों और कर्मियों को सदर अस्पताल के एएनएम स्कूल के सभागार में सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह की अध्यक्षता में एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ सिंह द्वारा उपस्थित स्वास्थ्य अधिकारियों को कहा गया कि फ़ाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की भूमिका अहम है। इस अभियान के दौरान ज़िले में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा गृह भ्रमण कर लोगों को फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी। जिसमें लोगों को डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवाएं खिलाई जानी है। जिले में आगामी 10 फरवरी से ये कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस दौरान सभी स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों द्वारा सुनिश्चित करें कि अधिक से अधिक लोगों द्वारा दवा का सेवन किया जा सके। लोगों को जानकारी उपलब्ध कराई जाए कि इसका सेवन करने से कोई समस्या नहीं होगा बल्कि इसके सेवन करने से लोग फाइलेरिया बीमारी जिसे आमतौर पर लोग हाथीपांव भी कहते हैं उससे सुरक्षित रह सकेंगे। उन्होंने कहा कि अब प्रखंड स्तर पर आशा कर्मियों को प्रशिक्षण देकर उनके क्षेत्र के सभी लोगों को दवा खिलाना सुनिश्चित करें। प्रशिक्षण में एसीएमओ डॉ कनक रंजन, जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह, भीडीसीओ एन के मिश्रा, डीपीएम भगवान प्रसाद, डीएएम सत्यम कुमार, डब्लूएचओ जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ दिलीप कुमार, पिरामल फाउंडेशन से डीपीओ चंदन कुमार, एसडीसी अभिमन्यु चौधरी, ओमकार ठाकुर, पीसीआई डीएमसी सौरभ कुमार, एसएमसी तपेश कुमार, एसएमसी लतिका कुमारी, सीफार डीसी पल्लवी कुमारी, सीफार बीसी भीम कुमार, अमित कुमार, अंशुमन कुमार सहित सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, भीबीडीएस, बीसीएम व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
- 10 फरवरी से सभी प्रखंडों में चलाया जाएगा एमडीए कार्यक्रम :
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में 10 फरवरी से एमडीए कार्यक्रम चलाया जाएगा जो 27 फरवरी तक चलेगा। इसमें पहला तीन दिन बूथ टीम द्वारा क्षेत्र के सभी विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों और मदरसों में उपलब्ध बच्चों को दवाई खिलाई जाएगी। उसके बाद अगला चौदह दिन आशा कर्मियों द्वारा घर घर जाकर लोगों को दवाई खिलाई जाएगी। अभियान की शत प्रतिशत सफलता सुनिश्चित करने के लिए माइक्रोप्लान तैयार कर उसी के हिसाब से लोगों को दवा खिलानी है। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट होने पर लोगों की सुरक्षा हेतु जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन भी किया जायेगा। इसके लिए रैपिड रेस्पोंस टीम के सदस्यों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं जो स्वतः समाप्त हो जाती है। इसके लिए भी आशा कर्मियों द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है जिससे कि लोगों में एमडीए कार्यक्रम की भ्रांतियां दूर हो सके।
- फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए सभी लोगों को खिलाया जाएगा डीईसी व एल्बेंडाजोल :
पिरामल फाउंडेशन के डीपीओ चंदन कुमार ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में एमडीए अभियान संचालित किया जायेगा। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक जागरूकता के लिए अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि 2 वर्ष से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को कोई दवा नहीं खिलायी जानी है। कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है। दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खाना जरूरी है।
- फाइलेरिया मरीजों द्वारा लोगों को दवा सेवन के लिए किया जा रहा जागरूक :
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह ने बताया कि एमडीए कार्यक्रम की जानकारी लोगों तक पहुँचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें स्वास्थ्य विभाग को सीफार, पिरामल और पीसीआई का भी सहयोग मिल रहा है। सीफार के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न प्रखंडों में फाइलेरिया पेशेंट्स सहायता समूह और पेशेंट्स प्लेटफार्म बनाया गया है जिसमे क्षेत्र के फाइलेरिया मरीजों को जोड़ा गया है। उन मरीजों को अस्पताल से फाइलेरिया उन्मूलन के लिए उपलब्ध किट्स व दवाई उपलब्ध कराते हुए अन्य लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए एमडीए कार्यक्रम में भाग लेकर दवा सेवन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।