- 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को घर-घर खिलाया जाएगा दवा
- फाइलेरिया नेटवर्क मेंबर द्वारा दवा सेवन के लिए लोगों को किया जा रहा जागरूक
- क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया
कटिहार: फाइलेरिया एक संक्रमित रोग है जिससे ग्रसित होने पर उसका सम्पूर्ण इलाज नहीं किया जा सकता है। लोगों को फाइलेरिया बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाता है। इस दौरान सभी प्रखंड में आशा कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए दवाई खिलाई जाती है। कटिहार जिले में वर्ष 2024 ई में 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाएगा। ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा इस सेवा का लाभ उठाकर फाइलेरिया बीमारी से सुरक्षित रह सके इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
- 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को घर-घर खिलाया जाएगा दवा :
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह ने बताया कि फाइलेरिया एक लाईलाज बीमारी है जिससे ग्रसित होने पर इसे नियंत्रित किया जा सकता है समाप्त नहीं। लोगों को इस बीमारी से सुरक्षित रहने के लिए स्वास्थ्य विभाग साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें तहत 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को आशा कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवाई खिलाई जाती है। यह दवाई 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को छोड़कर सभी को खिलाई जाती है। एमडीए कार्यक्रम में लोगों द्वारा नास्ता या खाना खाने के बाद आशा कर्मियों के सामने ही दवा का सेवन करना है। नियमित पांच वर्ष तक इस दवा के सेवन करने से लोग फाइलेरिया बीमारी ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं। इसलिए जिले के सभी लोगों को बढ़चढ़ कर इस कार्यक्रम में भाग लेकर अपने घर में आशा कर्मियों द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे दवा का सेवन जरूर करना चाहिए।
- फाइलेरिया नेटवर्क मेंबर द्वारा दवा सेवन के लिए लोगों को किया जा रहा जागरूक :
फाइलेरिया मरीजों को अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के चिन्हित प्रखंडों में फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप चलाया जा रहा है। इसके तहत अलग-अलग क्षेत्र के फाइलेरिया ग्रसित मरीजों का ग्रुप बनाया गया है। हर माह फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप का बैठक किया जाता है जिसमें मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए उन्हें आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके साथ ही मरीजों को फाइलेरिया बीमारी से सुरक्षा के लिए ध्यान रखने योग्य बातों की जानकारी दी जाती है ताकि उनके द्वारा आसपास के लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके। फाइलेरिया नेटवर्क मेंबर द्वारा लोगों को 10 फरवरी से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में भाग लेकर दवा सेवन करने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। दंडखोरा प्रखंड के फाइलेरिया नेटवर्क मेंबर सुशील महतो ने कहा कि वे पिछले 10 साल से फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित हैं जिससे उन्हें सामान्य जीवन यापन करने में बहुत समस्या होती है। अन्य लोगों को ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए उन्हें एमडीए कार्यक्रम में भाग लेकर आशा द्वारा खिलाये जा रहे दवा का सेवन करना चाहिए। दवा सेवन करने के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होता है और इसका सेवन करते हुए लोग फाइलेरिया बीमारी होने से सुरक्षित रह सकते हैं।
- क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया :
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी विशेष रूप से परजीवी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के काटने से होने वाला रोग है जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में मानसुनिया मच्छर भी कहा जाता। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता तो उनके शरीर से फाइलेरिया विषाणु उठाकर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटने पर उनके शरीर में डाल देता है। इससे फाइलेरिया के विषाणु रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देता। फाइलेरिया को खत्म करने के लिए कोई विशेष इलाज नहीं है लेकिन जागरूक रहकर बचाव करने से इसे नियंत्रित रखा जा सकता। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया न सिर्फ व्यक्ति को विकलांग बनाता बल्कि इससे मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। अगर समय रहते फाइलेरिया की पहचान कर ली जाए तो जल्द ही इसका इलाज शुरू कर इसे नियंत्रित रखा जा सकता है।