बिहार: बिहार की सियासत में फिलहाल जिस बदलाव की पटकथा तैयार हो चुकी है, वह बिहार की राजनीति को ही चौंका गई है। असमंजस भरी राजनीति को इस बात से समझा जा सकता है कि कर्पूरी ठाकुर की जयंती से एक दिन पहले उन्हें ‘भारत रत्न’ की घोषणा हुई। बीजेपी का प्रदेश नेतृत्व ‘किसी को कंधे पर बिठाकर’ रजनीति करने को सीधे ना कह रहा था। बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह भी नीतीश कुमार के लिए नो एंट्री का बोर्ड लगा रखा था। तो आखिर सवाल यह उठता है कि अमित शाह ने बीजेपी के दरवाजे नीतीश कुमार के लिए बंद किए थे तो आखिर वो किस चाभी से खुल गए।
SAHARSA NEWS : शहर के 12 परीक्षा केंद्रों पर 31वीं मेधा परीक्षा आयोजन की तैयारी पूरी
SAHARSA NEWS सहरसा/अजय कुमार : चिल्ड्रन स्कूल एसोसिएशन की 31वीं मेधा परीक्षा आज शहर के लगभग 12 परीक्षा केंद्रों पर...